राज्य कृषि समाचार (State News)

बिहार में कृषि उपज बाजार प्रांगण के निर्माण सहित जीर्णोद्धार के काम

26 अगस्त 2025, भोपाल: बिहार में कृषि उपज बाजार प्रांगण के निर्माण सहित जीर्णोद्धार के काम – बिहार की सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए अब विभिन्न जिलों में कृषि बाजार प्रांगण के निर्माण सहित जीर्णोद्धार के कार्य कराए जा रहे है ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी न हो. बता दें कि बिहार में बीते दो दशक से अधिक समय से मंडी की व्यवस्था खत्म हो गई है लेकिन इसके बाद से ही   किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इन समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार विभिन्न जिलों में कृषि उपज बाजार प्रांगण (मंडी) के निर्माण सहित जीर्णोद्धार के काम करा रही है. ताकी किसानों को  फिर से अपनी उपज को बेचने के लिए बाजार मिल सके और किसानों को इधर उधर भटकना नहीं पड़े.

उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कैमूर जिले के मोहनिया और सीतामढ़ी के कृषि उपज बाजार प्रांगण (मंडी) का काम पूरा कर लिया गया है. शेष 19 कृषि उपज बाजार प्रांगणों (मंडी) का काम जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड को निर्देश दिया गया है. कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कैमूर जिले के मोहनिया और सीतामढ़ी में तैयार किए गए कृषि उपज बाजार आज के समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं. मोहनिया कृषि उपज बाजार के निर्माण पर कुल 3841.79 लाख रुपये की लागत आई है, वहीं सीतामढ़ी कृषि उपज बाजार प्रांगण के निर्माण पर 4767.59 लाख रुपये व्यय किए गए हैं.

Advertisement
Advertisement

उन्होंने ने बताया कि इन दोनों बाजार परिसरों में वेंडिंग प्लेटफॉर्म, दुकानें, वे-ब्रिज, जल निकाय, प्रशासनिक भवन, श्रमिक विश्राम गृह, अतिथि गृह, मछली बाजार और सोलर पैनल जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. अब ये दोनों बाजार प्रांगण पूरी तरह से आधुनिक और विकसित संरचना का स्वरूप ले चुके हैं. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन बाजार प्रांगणों के बनवाने का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल और कृषि उपज का लाभकारी मूल्य दिलाना है, जिसके लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, अब किसान अपनी उपज को बाजार प्रांगण में लाकर सुरक्षित तरीके से भंडारित और बेहतर दाम पर बेच सकेंगे. इन सुविधाओं से किसानों को दलालों और बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. साथ ही, उन्हें अपनी मेहनत का उचित मूल्य भी मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि उपज बाजार प्रांगणों में व्यापारियों, उद्यमियों, प्रसंस्करण इकाइयों और निर्यातकों की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है.

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement