छत्तीसगढ़: 18,000 से ज्यादा नैनो DAP और यूरिया की बोतलें वितरित, किसानों को मिल रहा सीधा लाभ
18 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़: 18,000 से ज्यादा नैनो DAP और यूरिया की बोतलें वितरित, किसानों को मिल रहा सीधा लाभ – छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का आगाज़ हो चुका है। राज्य सरकार की दूरदर्शी नीतियों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के चलते किसानों को अब परंपरागत डीएपी का किफायती और आधुनिक विकल्प नैनो डीएपी उपलब्ध कराया जा रहा है। खरीफ सीजन 2025 के लिए सभी जिलों की सहकारी समितियों में इसकी सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों की समृद्धि को लेकर लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में नैनो डीएपी को प्राथमिकता दी गई है, जो केवल 500 मिलीलीटर की एक छोटी बोतल में 45 किलो परंपरागत डीएपी के बराबर पोषक तत्व प्रदान करता है। इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता सुरक्षित रहती है, बल्कि फसल को संतुलित पोषण मिलने से उत्पादन भी बढ़ता है।
कोरबा जिले में प्रभावी क्रियान्वयन
कोरबा जिले में कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में नैनो डीएपी वितरण का कार्य प्रभावी रूप से चल रहा है। जिले में अब तक 8514 नैनो डीएपी और 14233 नैनो यूरिया की बोतलें प्राप्त की गईं। इनमें से 18,087 बोतलें किसानों को वितरित की जा चुकी हैं, जबकि शेष 4660 बोतलें सहकारी समितियों में किसानों की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं।
जागरूकता अभियान से किसानों को मिल रहा जानकारी का लाभ
राज्यभर में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों, सहकारी समितियों और जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पोस्टर, बैनर, ग्राम बैठकों और तकनीकी मार्गदर्शन के जरिये किसानों को नैनो डीएपी के लाभ और उपयोग की सही विधि समझाई जा रही है। सभी समितियों को निर्देशित किया गया है कि किसानों को बिना किसी रुकावट के उर्वरक उपलब्ध कराएं और स्टॉक की जानकारी नियमित रूप से साझा करें।
किसानों में बढ़ रहा नैनो डीएपी का भरोसा
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार किसानों में नैनो डीएपी को लेकर काफी अधिक उत्साह और विश्वास देखने को मिल रहा है। समय पर आपूर्ति, सुलभ उपलब्धता और प्रशासन की तत्परता ने इसे किसानों के लिए भरोसेमंद विकल्प बना दिया है।
टिकाऊ खेती की दिशा में मजबूत पहल
राज्य सरकार का उद्देश्य नैनो तकनीक आधारित उर्वरकों को बढ़ावा देना है ताकि खेती को अधिक लाभकारी और पर्यावरण-अनुकूल बनाया जा सके। नैनो डीएपी इसका सशक्त उदाहरण है, जो मिट्टी की सेहत को बेहतर बनाकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का मजबूत जरिया साबित हो रहा है।
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