State News (राज्य कृषि समाचार)

Chhattisgarh: माता पिता के तलाक के बाद भी बेटी का पैतृक संपत्ति पर होगा पूरा अधिकार

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पति का पत्नी से तलाक होता है बेटी का पिता से नहीं

20 मई 2023, बिलासपुर । Chhattisgarh: माता पिता के तलाक के बाद भी बेटी का पैतृक संपत्ति पर होगा पूरा अधिकार  – राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती अर्चना उपाध्याय एवं डॉ. अनिता रावटे ने आज प्रथना सभा कक्ष, जल संसाधन परिसर बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 175 वीं जन सुनवाई हुई। उक्त सुनवाई के दौरान ऐसे ही एक प्रकरण में अनावेदक बिरकोनी हाई स्कूल जिला मुंगेली तहसील पथरिया में जीव विज्ञान विषय के व्याख्यता के पद पर पदस्थ है। जिनका वेतन 57000 हजार प्रतिमाह है। अनावेदक ने 2006 को आवेदिका की मां को घर से निकाल दिया था। उस समय आवेदिका की उम्र 02 साल थी और उसे सिंकलिन की बीमारी थी और उस समय आवेदिका की मां बेराजगार थी। वह अपने माता-पिता पर आश्रित थी। आवेदिका की पढ़ाई और स्वास्थ्य का सभी खर्च उसकी मां ने वहन किया आज आवेदिका की उम्र लगभग 20 वर्ष है। वर्तमान में बीबीए सेकेण्ड ईयर की स्टूडेन्ट है। उसे पढ़ाई लिखाई व इलाज के लिये आर्थिक कठिनाईयों सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वह अपने पिता से सम्पति में अपना हक मांगने के लिए उपस्थित हुई है।

अनावेदक ने बताया कि 2012 में परिवार न्यायालय में अपनी पहली पत्नी से विधिवत तलाक लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह कर लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह से भी उनकी दो बेटियां है। अनावेदक की 2011 में सरकारी नौकरी लगी है। अनावेदक एमएसी बायोलॉजी है उसके द्वारा वंश चलाने के नाम पर बेटा पैदा नहीं के आरोप पर पहली पत्नी को घर से निकाला था। और अब तक उनके द्वारा अपनी बेटी आवेदिका का नाम शासकीय अभिलेखों में अंकित नहीं कराया गया है। इस संबंध में कुछ पूछने पर उसके द्वारा स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया है।

निर्णय के बाद में अनावेदक के पिता आवेदिका के दादा ने स्वीकार किया कि समस्त कृषि भूमि की पर्ची में आवेदिका का नाम दर्ज करायेगें और अपने शासकीय अभिलेख में भी अपनी बेटी आवेदिका का नाम 01 माह के अन्दर दर्ज करायेंगे । अन्य 02 बेटियों का नाम भी दर्ज कराये चूकि तलाक पत्नी से होता है। बेटी से नहीं होता है। बेटी का पिता के जायजाद में बराबर का हक होता है। वर्तमान में अनावेदक बेटी की पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्च वहन नहीं कर रहा है। अतः अपना प्रस्ताव लेकर अगली सुनवाई में उपस्थित होगें प्रकरण 12 जून को रायपुर के लिए नियत किया जाता है।

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