राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़: मनरेगा से संवर रहे हैं बिरसिया के सपने, अब हर खेत में लहलहा रही फसल

10 सितम्बर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़: मनरेगा से संवर रहे हैं बिरसिया के सपने, अब हर खेत में लहलहा रही फसल – छत्तीसगढ़ के कोटा ब्लॉक के आदिवासी क्षेत्र ग्राम पंचायत चुरेली की श्रीमती बिरसिया की जिंदगी मनरेगा योजना से बने कुएं के कारण पूरी तरह बदल गई है। पहले जहां सिंचाई की समस्या के चलते उनकी केवल आधी जमीन पर ही फसल उग पाती थी, अब पूरे 2.5 एकड़ खेत में फसल लहलहाती है। कुआं बनने से अब हर मौसम में पर्याप्त पानी मिल रहा है, जिससे न सिर्फ फसल की पैदावार बढ़ी है, बल्कि उनकी आमदनी में भी बड़ा इजाफा हुआ है।

श्रीमती बिरसिया बताती हैं कि पहले वे अपने 2.5 एकड़ की जमीन में से केवल 1 से 1.15 एकड़ में ही फसल उगा पाती थीं। पानी की कमी के चलते आधी जमीन बेकार पड़ी रहती थी। इसी दौरान ग्राम रोजगार सहायक ने उन्हें मनरेगा योजना के तहत कुआं निर्माण का सुझाव दिया। इस सुझाव को अपनाते हुए उन्होंने आवेदन किया और जल्द ही उनके खेत में कुआं बन गया। 387 मानव दिवसों के कार्य से बना यह कुआं अब उनके परिवार के लिए खुशहाली का जरिया बन गया है।

कुएं से बदल गई खेती

कुएं बनने के बाद से श्रीमती बिरसिया अब अपने पूरे 2.5 एकड़ खेत में फसल उगाने लगी हैं। इतना ही नहीं, वे अब साल में दो फसलें भी उगाती हैं और बारिश पर निर्भर नहीं रहतीं। कुएं के पानी से न सिर्फ उनके खेतों में हरियाली छा गई है, बल्कि उनके घर के आसपास की बाड़ी में सब्जियां भी उगने लगी हैं, जिससे परिवार की खाने-पीने की जरूरतें भी पूरी हो रही हैं। साथ ही, उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है और घर की आर्थिक स्थिति भी सुधर गई है।

गांव के अन्य परिवारों को भी मिला फायदा

श्रीमती बिरसिया का कुआं सिर्फ उनके ही काम नहीं आया, बल्कि आसपास के 8 से 10 परिवार भी इस कुएं का पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस तरह, मनरेगा योजना से बने इस कुएं ने न सिर्फ श्रीमती बिरसिया के परिवार की जिंदगी बदली, बल्कि पूरे गांव के लिए भी एक बड़ी राहत साबित हुआ है।

श्रीमती बिरसिया कहती हैं, “जब भी मैं इस कुएं में भरे पानी को देखती हूं, तो मुझे खुशी होती है कि मेरी सूखी पड़ी जमीन अब लहलहा रही है। मनरेगा योजना ने हमारे जीवन में जो बदलाव लाया है, वह सच में अद्भुत है।”

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements