राज्य कृषि समाचार (State News)

छतरपुर: खाद की ब्लैक मार्केटिंग पर किसानों का फट पड़ा गुस्सा, कई हाईवे ठप

10 दिसंबर 2025, भोपाल: छतरपुर: खाद की ब्लैक मार्केटिंग पर किसानों का फट पड़ा गुस्सा, कई हाईवे ठप – मध्य प्रदेश के छतरपुर में खाद की किल्लत से परेशान किसानों का गुस्सा सोमवार को खुलकर सड़क पर नजर आया। किसानों ने 4 जगहों  पर चक्काजाम किया, इसके चलते खजुराहो में होने वाली मंत्रियों की बैठक में जा रहे कई मंत्री और अफसर रास्ते में फंस गए।

किसानों का आरोप है कि बुवाई का वक्त चल रहा है, लेकिन बाजार में खाद या तो मिल नहीं रही या फिर तय कीमत से कहीं अधिक दाम पर बेची जा रही है। रातभर लाइन लगाने के बाद भी किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा, जिससे उनका आक्रोश और बढ़ गया।

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चार स्थानों पर जाम, NH-39 और NH-76 ठप

सबसे ज्यादा असर  बमीठा और खजुराहो मार्ग पर किसानों ने चक्काजाम किया। इस जाम के कारण नेशनल हाईवे 39 पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। यह वही रास्ता है जहां से मंत्री खजुराहो की समीक्षा बैठक के लिए गुजर रहे थे। किसानों के इस चक्काजाम के कारण कई मंत्री भी रास्ते में फंस गए।

हरपालपुर में भी किसानों ने झांसी–मिजापुर नेशनल हाईवे-76 को थाने के सामने ही रोक दिया। किसानों के प्रदर्शन के कारण यहां भी लंबा जाम लग गया। पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारी किसानों को समझा-बुझाकर रास्ताखुलवाने की कोशिशों में जुटे रहे। किसानों का कहना था कि बुवाई का समय चल रहा है और बिना खाद के उनकी फसलें खराब हो जाएंगी।

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अधिकारियों पर गंभीर आरोप, किसानों का गुस्सा और बढ़ा

कई गांवों के किसान रविवार रात से ही मंडी और वितरण केंद्रों पर कतारों
में लगे थे,  लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा; बुवाई के समय उनकी
परेशानी बढ़ गई है। अधिकारियों के अनुसार सोमवार सुबह तक 1300 से ज्यादा
टोकन बांटे जा चुके थे। टोकन मिलने के बावजूद किसानों की भीड़ लगातार
बढ़ती जा रही थी, जिससे व्यवस्था बिगड़ती गई।

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इस पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों रवैये से किसानों का गुस्सा और भी बढ़ गया। सौरा मंडल की तहसीलदार ऋतु सिंघई द्वारा एक छात्रा को थप्पड़ मारने का एक वीडियो सामने आया। इस वीडियो के कारण किसानों और जनता के बीच विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गया था।

इसके बाद ईसानगर तहसीलदार आकाश नीरज और एसडीएम अखिल राठौर पर भी गंभीर आरोप लगे। उन पर महिलाओं से बदसलूकी और झूमाझटकी करने के आरोप लगाए गए थे। जिसका नतीजा यह हुआ कि किसान सड़क पर उतर आया।

खाद की कालाबाजारी ने हालात बिगाड़े

इन घटनाओं पर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए, लेकिन अभी तक किसी ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है। नोटिस के बाद तहसीलदार ऋतु सिंघई की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती
कराया गया।

बाजार में महंगी खाद बेचने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। डीएपी 1900 से 2000 रुपए और यूरिया 500 से 600 रुपए प्रति बोरी ब्लैक में बिकने की खबरें हैं। किसानों का कहना है कि बिना खाद के फसलें खराब हो जाएंगी और ब्लैक मार्केटिंग उनकी आर्थिक हालत और खराब कर रही है।

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