State News (राज्य कृषि समाचार)

पुनर्योजी खेती से किसानों को जोड़ेगा कृषि उत्कृष्टता केन्द्र

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मध्य प्रदेश की 125 ग्राम पंचायत सरपंचों ने लिया जुडऩे का संकल्प

11 अप्रैल 2023, भोपाल । पुनर्योजी खेती से किसानों को जोड़ेगा कृषि उत्कृष्टता केन्द्र नीदरलैंड की संस्था सॉलिडरीडाड ने गत दिनों सीहोर जिले की ग्राम पंचायत बरखेड़ा खरेट में निको रोजेन अंतर्राष्ट्रीय पुनर्योजी कृषि उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की। इस केन्द्र का नाम संस्था के संस्थापक डॉ. निको रोजेन के नाम पर रखा गया है। यह केन्द्र पुनर्योजी खेती से किसानों को जोड़ेगा, साथ ही पुनर्योजी खेती की जानकारी देने के साथ-साथ किसानों को प्रशिक्षण भी देगा। यह जानकारी सॉलिडरीडाड के संस्थापक        डॉ. निको रोजेन, संस्था के एशिया के प्रबंध निदेशक डॉ. शतांद्रु चट्टोपाध्याय एवं संस्था के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने दी।

निको रोज़ेन अंतरराष्ट्रीय पुनर्योजी कृषि उत्कृष्टता केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के लगभग 125 ग्राम पंचायत सरपंचों द्वारा पुनर्योजी खेती को अपनाते हुए खेती में जैव विविधता, पशुधन संवर्धन, जल संरक्षण, मृदा कार्बन संरक्षण एवं संवर्धन द्वारा सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प लिया गया। यह देश का पहला पुनर्योजी कृषि उत्कृष्टता केंद्र है जहां किसानों को विभिन्न डेमो प्लॉटस के माध्यम से पुनर्योजी कृषि पर प्रशिक्षण देने के साथ ही कृषि से संबंधित शोध आधारिक जानकारी प्राप्त होगी।

लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान सॉलिडरीडाड संस्था के संस्थापक डॉ. निको रोज़ेन ने कहा कि पूरे विश्व में प्राकृतिक तत्वों का दोहन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है, जिससे होने वाले नुकसान से सबसे ज्यादा कृषक समुदाय प्रभावित होते हैं, विशेषकर छोटे किसान। पुनर्योजी कृषि आज के समय की मांग है। भारत जैसे देश में जहां प्राकृतिक संसाधनों एवं जैव विविधता का भंडार है, पुनर्योजी कृषि का यह प्रयास कृषि प्रथाओं को एक नई दिशा देगा।

सॉलिडरीडाड के प्रबंध निदेशक एशिया डॉ. चट्टोपाध्याय ने बताया कि पुनर्योजी खेती का विचार वर्तमान फसल उत्पादन प्रणाली में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। जहरीले कृषि रसायनों, एकल फसल और मिट्टी संरक्षण के अभाव ने किसानों के सामने जलवायु एवं कृषि उत्पादन से संबंधित चुनौतियाँ खड़ी कर दी है।

सॉलिडरीडाड के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने कहा कि इस केंद्र को 6 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है। संस्था द्वारा पिछले 50 वर्षों से किसानों के लिए टिकाऊ खेती के क्षेत्र में किए जा रहे काम को आगे बढ़ाते हुए इस पुनर्योजी कृषि उत्कृष्टता केंद्र की परिकल्पना की गई है।

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