बिहार सरकार लाई 3 नई योजनाएं: बायोगैस प्लांट और जैविक खाद पर किसानों को मिलेगी हजारों रुपए की सब्सिडी
05 जुलाई 2025, पटना: बिहार सरकार लाई 3 नई योजनाएं: बायोगैस प्लांट और जैविक खाद पर किसानों को मिलेगी हजारों रुपए की सब्सिडी – किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती की लागत को कम करने के लिए बिहार सरकार लगातार नई पहल कर रही है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने घोषणा की है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य के 38 जिलों में तीन बड़ी योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को जैविक खाद उत्पादन और बायोगैस संयंत्र लगाने में हजारों रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
1. पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना
बिहार सरकार की पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को रासायनिक खाद के बजाय जैविक खाद के उपयोग के लिए प्रेरित करना है। इसके तहत 75 घन फीट क्षमता की वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम ₹5,000 (जो भी राशि कम हो) का अनुदान दिया जाएगा। यह लाभ उन किसानों को मिलेगा जो स्वयं खेती करते हैं और जिनके पास पशुधन उपलब्ध है। ऐसे पात्र किसानों को अधिकतम तीन इकाइयों तक अनुदान का लाभ मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के अंतर्गत राज्यभर में 20,000 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयों के निर्माण के लिए ₹10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
2. गोबर/बायोगैस संयंत्र योजना
बिहार सरकार किसानों को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग और पशुधन के अपशिष्ट के बेहतर प्रबंधन के लिए बायोगैस संयंत्र लगाने पर प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत 2 घन मीटर उत्पादन क्षमता वाले बायोगैस संयंत्र पर किसानों को ₹21,000 की अनुदान राशि दी जाएगी, साथ ही ₹1,500 की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाएगी। इस तरह प्रति इकाई कुल ₹22,500 की सब्सिडी मिलेगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने 100 ऐसे बायोगैस संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह योजना स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि और ऊर्जा पर खर्च में कमी लाने में मददगार साबित होगी।
3. व्यावसायिक वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना
जो किसान, किसान उत्पादक संगठन (FPO), स्टार्टअप, गैर-सरकारी संगठन (NGO) या कृषि विज्ञान केंद्र बड़े पैमाने पर जैविक खाद निर्माण करना चाहते हैं, उनके लिए बिहार सरकार ने “व्यावसायिक वर्मी कम्पोस्ट इकाई योजना” शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत 1000, 2000 और 3000 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाली इकाइयों की स्थापना पर क्रमशः ₹6.40 लाख, ₹12.80 लाख और ₹20 लाख तक की अनुमानित लागत पर 40% अनुदान (सब्सिडी) दिया जाएगा। इस योजना के तहत कुल 10 इकाइयों की स्थापना के लिए राज्य सरकार ने ₹2 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। यह योजना कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने और जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम पहल है।
कैसे उठाएं योजना का लाभ?
1. इच्छुक किसान कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
2. जल्द ही इस योजना से संबंधित ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर सूचना दी जाएगी।
3. सभी योजनाएं राज्य के 38 जिलों में लागू की जा रही हैं।
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ये योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगी और जैविक खेती को बढ़ावा देंगी। इससे खेती का खर्च घटेगा, उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आमदनी में सुधार होगा।
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