बाढ़ प्रभावित किसानों को बड़ी राहत: पंजाब सरकार देगी ₹2000 प्रति क्विंटल सब्सिडी और 2 हेक्टेयर तक मुफ्त बीज
09 अक्टूबर 2025, भोपाल: बाढ़ प्रभावित किसानों को बड़ी राहत: पंजाब सरकार देगी ₹2000 प्रति क्विंटल सब्सिडी और 2 हेक्टेयर तक मुफ्त बीज – पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत देते हुए सरकार ने एक अहम घोषणी की है। राज्य सरकार ने रबी सत्र 2025-26 के लिए गेहूं के बीजों पर विशेष सब्सिडी का ऐलान किया है। पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग के तहत, किसानों को इस बार हर क्विंटल बीज पर सीधे 2000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके साथ ही, बाढ़ से बर्बाद हुए किसानों को दो हेक्टेयर तक गेहूं का बीज बिलकुल मुफ्त मिलेगा।
कृषि विभाग के चीफ डॉ. जसविंदर सिंह ने बताया कि ये स्कीम खास उन किसानों के लिए लाई गई है जिनकी फसलें बाढ़ में पूरी तरह तबाह हो गई थीं। उन्होंने किसानों से अपील की वह http://www.agrimachinarypb.com पोर्टल पर जाकर तुरंत रजिस्ट्रेशन कर लें, क्योंकि सिर्फ रजिस्टर्ड और एलिजिबल किसानों को ही इसका फायदा मिलेगा।
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
इस स्कीम के तहत दो तरह के किसानों को लाभ मिलेगा:
1. आम किसान: जिन्हें एक हेक्टेयर तक के गेहूं बीज पर 2000 रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी दी जाएगी।
2. बाढ़ से प्रभावित किसान: यदि आपका नाम जिला प्रशासन की बाढ़ प्रभावित किसानों की लिस्ट में नाम आ गया तो दो हेक्टेयर तक का गेहूं बीज मुफ्त में मिलेगा। बाढ़ प्रभावित किसानों की पहचान जिला प्रशासन करेगा और उन्हीं की लिस्ट के हिसाब से फ्री बीज बंटेगा। बीज वितरण का जिम्मा पनसीड (PUNSEED) को दिया गया है, वही इस स्कीम की नोडल एजेंसी भी है।
किन गेहूं की किस्मों पर मिलेगी सब्सिडी?
सरकार ने केवल पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) और बाकी मान्यता प्राप्त संस्थानों की सिफारिश वाली किस्मों को ही स्कीम में शामिल किया है। इनमें PBW 826, PBW 869, PBW 824, PBW 803, DBW 222, DBW 187, HD 3226 और HD 3086 वाली किस्में शामिल है। यह किस्में अधिक उपज देने के साथ कई रोग प्रतिरोधक क्षमता है।
सरकार की तैयारी कैसी है?
पंजाब सरकार का प्लान है कि बाढ़ से प्रभावित करीब 5 लाख एकड़ जमीन पर फिर से गेहूं की बुवाई हो, और इसके लिए 74 करोड़ रुपये के बीज फ्री में बांटे जाएंगे। बीज की सप्लाई पक्की करने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल सीड कॉरपोरेशन (NSC) और IFFCO से भी आंकड़े मांगे गए हैं। जरूरत पड़ी तो प्राइवेट डीलरों से भी बीज खरीदा जाएगा, इसके लिए टेंडर निकाले जाएंगे।
पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी
डॉ. जसविंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। केवल वही किसान पात्र माने जाएंगे, जिनका पंजीकरण विभागीय पोर्टल पर सफलतापूर्वक पूरा हुआ हो और जिन्हें विभाग द्वारा पात्र घोषित किया गया हो।
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