फसल विविधीकरण से बेहतर उत्पादन
12 फ़रवरी 2025, भोपाल: फसल विविधीकरण से बेहतर उत्पादन – कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी में फसल विविधीकरण विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं-
फसल विविधीकरण के लाभ
- फसल विविधीकरण से कीट-व्याधियों की समस्या कम होती है।
- भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ती है।
- उत्पादन लागत कम होती है।
- खेती प्रदूषण की समस्या कम होती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
- मुख्य अतिथि डॉ. व्ही. बी. उपाध्याय ने कहा कि फसल विविधीकरण से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
- विशिष्ट अतिथि डॉ. पी. के. मिश्रा ने कहा कि उन्नत किस्मों का सही जानकारी से बेहतर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. बी. अग्रवाल ने कहा कि फसल विविधीकरण से विषम परिस्थितियों में भी बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक थे कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ।
कृषक प्रशिक्षण में डॉ. व्ही. बी. उपाध्याय , डॉ. पी. के. मिश्रा, डॉ. एस. बी. अग्रवाल, डॉ. नम्रता जैन, डॉ. शेखर सिंह बघेल, डॉ. निखिल सिंह, डॉ. के. के. देशमुख ने किसानों को तकनीकी जानकारी दी।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: