राजस्थान में बंजर भूमि होगी हरी-भरी, कृषि मंत्री मीणा ने दिए जिलेवार कार्य योजना बनाने के निर्देश
12 जुलाई 2025, भोपाल: राजस्थान में बंजर भूमि होगी हरी-भरी, कृषि मंत्री मीणा ने दिए जिलेवार कार्य योजना बनाने के निर्देश – राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को जयपुर स्थित शासन सचिवालय में ‘हरियालो राजस्थान’, बायोफ्यूल प्राधिकरण, बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड और अरावली संस्थान द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्री ने संबंधित विभागों को योजनाओं को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
बंजर ज़मीन पर होंगे तेलीय पौधों के रोपण
डॉ. मीणा ने निर्देश दिया कि राज्य की बंजर भूमि को हरित बनाने के लिए जिलेवार कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने रतनजोत, करंज जैसे अखाद्य तेलीय पौधों का अधिक से अधिक पौधारोपण करवाने की बात कही ताकि ग्रामीण क्षेत्र में हरियाली बढ़े और लोगों की आय में भी इजाफा हो। उन्होंने कहा कि इस दिशा में दीर्घकालिक योजना तैयार कर पूरे राज्य में कार्यवाही शुरू की जाए।
बायोडीज़ल मिलावट पर सख्ती के संकेत
ग्रामीण विकास मंत्री ने बायोफ्यूल प्राधिकरण द्वारा जारी राजस्थान जैव ईंधन नियम–2019 में संशोधन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिलावटी बायोडीजल (B–100) के विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान शामिल किया जाए और इसे सक्षम स्तर से प्रभावी रूप दिया जाए।
हरियालो राजस्थान ऐप से निगरानी
मंत्री ने बताया कि ‘हरियालो राजस्थान’ अभियान के तहत राज्यभर में पौधारोपण की निगरानी “हरियालो राजस्थान ऐप” के माध्यम से की जा रही है। ऐप के जरिए जियो टैगिंग और रीयल टाइम प्रगति दर्ज करने की व्यवस्था है, जिससे पारदर्शिता और ज़मीनी निगरानी दोनों सुनिश्चित होती हैं।
अब तक 1 करोड़ से अधिक पौधे लगाए
वर्ष 2025–26 में प्रदेशभर में 10 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 2 करोड़ पौधों का लक्ष्य ग्रामीण विकास, पंचायतीराज और जलग्रहण विभाग को मिला है। अब तक 1 करोड़ 9 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जिनमें महात्मा गांधी नरेगा और पंचायतीराज विभाग ने अकेले 70 लाख पौधे लगाकर सबसे आगे भूमिका निभाई है।
पंचायत पौधशालाओं की भी हो रही निगरानी
राज्य की 12,000 से अधिक पंचायत पौधशालाएं ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित की गई हैं। इन सभी की जियो टैगिंग और प्रगति की निगरानी भी “हरियालो राजस्थान ऐप” से की जा रही है। इससे ग्रामीण स्तर पर पौधारोपण की गुणवत्ता और संख्या पर नियंत्रण सुनिश्चित हो रहा है।
डॉ. मीणा ने ‘अरावली’ संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रशिक्षण, अध्ययन और क्षमतावर्धन के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अरावली की सेवाओं को अन्य विभागों के साथ भी साझा किया जाए ताकि उनका लाभ अधिक संस्थान उठा सकें।
बैठक में अधिकारी भी रहे उपस्थित
समीक्षा बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती श्रेया गुहा, शासन सचिव श्रीमती पुष्पा सत्यानी, बायोफ्यूल प्राधिकरण के सीईओ श्री जुगल किशोर मीणा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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