बाएफ और एनआईएबी ने किया पशु संपदा जीनोमिक्स एवं प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी पर समझौता अनुबंध
01 अक्टूबर 2024, इंदौर: बाएफ और एनआईएबी ने किया पशु संपदा जीनोमिक्स एवं प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी पर समझौता अनुबंध – बाएफ और एनआईएबी के बीच पशु संपदा जीनोमिक्स एवं प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी पर संयुक्त अनुसंधान के लिए हुआ समझौता अनुबंध हुआ है। गत दिनों हैदराबाद में बाएफ डेव्हलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. भरत काकडे और राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) की निदेशक डॉ. जी. तरू शर्मा के बीच पशु संपदा जीनोमिक्स और प्रजनन जैव प्रौद्योगिकी पर संयुक्त अनुसंधान के लिए एक समझौता अनुबंध (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत भारतीय दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुधन की अनुवांशिक सुधार, स्वास्थ्य देखभाल और सुव्यवस्थित पशुपालन पद्धतियों पर अनुसंधान किया जाएगा। यह केंद्र सरकार की हाल ही में घोषित बीआईओई 3 नीति के अनुरूप होगा।
बाएफ और एनआईएबी पूर्व से ही राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ जिनोटाइपिंग के लिए आवश्यक चिप्स के विकास पर एक संयुक्त परियोजना का क्रियान्वयन कर रहे है। इस संदर्भ में एनआईएबी, हैदराबाद की निदेशक डॉ. जी. तरू शर्मा ने बताया एनआईएबी ने 2021 में देश की पहली और विश्व की सबसे बड़ी देशी गोवंश की एचडी चिप विकसित की है। अब एनआईएबी द्वारा निर्मित एचडी चिप और एनडीडीबी-बाएफ की संयुक्त परियोजना द्वारा विकसित चिप के आधार पर एलडी चिप का निर्माण संभव हो सकेगा। यह विकास भारत की पशुधन जीनोमिक्स और प्रजनन क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बाएफ के अध्यक्ष डॉ. भरत काकडे ने बताया कि इस सहयोग के माध्यम से बाएफ का अनुप्रयुक्त अनुसंधान और बड़े पैमाने पर क्षेत्रीय कार्यक्रमों की पहुंच और एनआईएबी की पशु जैव प्रौद्योगिकी में मौलिक अनुसंधान क्षमता के संयुक्त प्रयासों से पशु स्वास्थ्य, उत्पादकता और प्रजनन से संबंधित कई समस्याओं का समाधान ढूंढने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसका लाभ दुग्ध उत्पादकों को बड़े पैमाने पर मिलेगा। यह साझेदारी कृषि और पशुधन क्षेत्र के लिए एक अभिनव पहल है, जिससे न केवल तकनीकी उन्नति होगी, बल्कि किसानों की आय और पशु पालन पद्धतियों में भी सुधार आएगा।
डॉ. काकडे ने बताया कि यह समझौता अनुबंध प्राणी जैव प्रौद्योगिकी और पशु विज्ञान में मौजूद चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतः विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा। बाएफ और एनआईएबी संस्थाएं नवोन्मेषी समाधान, वैज्ञानिक प्रगति और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करेंगी। इन कार्यक्रमों का प्रसार नीति-निर्माताओं, उद्यमियों और विशेषज्ञों के बीच व्याख्यान, कार्यशालाओं और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा। इस प्रकार यह सहयोग पशुधन क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और बेहतर प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देकर किसानों और पशुपालकों के लिए दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।
इस भागीदारी का नेतृत्व एक शोध सलाहकार समिति करेगी जिसकी अध्यक्षता बाएफ और एनआईएबी के निदेशक करेंगे। इस समिति के सदस्य पशुधन जीनोमिक्स और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञ होंगे। समिति का मुख्य उद्देश्य अनुसंधान की दिशा तय करना, वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देना और परियोजना के लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा करना रहेगा। इस समिति के माध्यम से परियोजनाओं की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे कि पशुधन विकास और प्रजनन तकनीकों में सुधार लाने के लिए प्रभावी समाधान विकसित किए जा सकेंगे।
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