राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

पशुओं के लिए वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था जरूरी: श्री पटेल

पशुओं की चिकित्सा पद्धति पर हुई कार्यशाला

21 मार्च 2025, भोपाल: पशुओं के लिए वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था जरूरी: श्री पटेल – पशु पालन एवं डेयरी राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार श्री लखन पटेल ने कहा है कि पशुओं की बीमारियों के समुचित इलाज के लिए वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग भी आवश्यक है। वर्तमान में आधुनिक चिकित्सा पद्धति के कारण मनुष्यों एवं पशुओं में जीवाणु रोधी दवाइयों के प्रति प्रतिरोधकता का बढऩा महामारी का रूप ले रहा है, जो एक भयानक वैश्विक खतरा बनता जा रहा है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति से एवं एंटीबॉयोटिक के दुरुपयोग से इसका दुष्प्रभाव मनुष्य एवं पशुओं में देखा जा रहा है, जिसके कारण एएमआर (एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस) की वैश्विक समस्या उत्पन्न हो गई है। अल्टरनेट वेटरिनरी प्रैक्टिस जैसे आयुर्वेद, होम्योपैथी, पारंपरिक चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा इत्यादि का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है, जिससे कम खर्च पर आसानी से पशुओं की बिना किसी दुष्प्रभाव के चिकित्सा की जा सकती है।

श्री पटेल ने होटल पलाश रेसीडेंसी में ‘पशुओं की वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतिÓ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश श्री महेंद्र सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के श्री अभय महाजन, अध्यक्ष, वेटनरी काउंसिल ऑफ इंडिया डॉ. उमेशचंद शर्मा, संचालक, पशुपालन एवं डेयरी डॉ. पी एस पटेल आदि उपस्थित थे।

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कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्यों के 13 विषय विशेषज्ञ और लगभग 100 से अधिक विभागीय अधिकारी शामिल हुए। श्री पटेल ने कहा कि भारत में आदिकाल से पारंपरिक एवं वैकल्पिक पशु चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाता था, जिसे पुन: पशुओं की चिकित्सा में बढ़ावा देने एवं जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि दो दिवसीय इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के विचार मंथन से पशु चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे।

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