राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों से मिलने के लिए कृषि मंत्री और वैज्ञानिक जा रहे है खेतों में

04 जुलाई 2025, भोपाल: किसानों से मिलने के लिए कृषि मंत्री और वैज्ञानिक जा रहे है खेतों में – किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कृषि वैज्ञानिकों के साथ  किसानों से मुलाकात करने के लिए उनके खेतों में जा रहे है। चौपाल चर्चा में मंत्री और वैज्ञानिकों द्वारा किसानों से खेती संबंधी समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर रहे है और समाधान भी किया जा रहा है।

इसी कड़ी में हाल ही में मंत्री चौहान ने  उत्तर प्रदेश के मोगा ढाबा, रामपुर में किसानों से संवाद किया। “चौपाल पर चर्चा” के दौरान विभिन्न नवाचारों, समस्याओं और भावी नीतियों को लेकर विस्तार पूर्वक बातचीत की।

किसानों से संवाद में केंद्रीय कृषि मंत्री ने धान रोपाई की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि करीब 60 हजार गांवों में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत वैज्ञानिकों ने गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद किया। अब अनुसंधान खेत और किसानों की समस्याओं व जरूरतों के आधार पर किया जाएगा। किसानों से उत्तर प्रदेश की प्रमुख फसलों चावल, गेहूं और गन्ने के संबंध में शोध के लिए किसानों से सुझाव भी मांगे ताकि उसी के अनुरूप आगे की रणनीतियों पर कार्य किया जा सके। चर्चा में किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री को बताया कि धान की 1509 किस्म में रोग की समस्याएँ आ रही हैं, जिस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने त्वरित वैज्ञानिकों को इस समस्या को दूर करने, नई उन्नत किस्म की उपज की जानकारी देने और रोग प्रतिरोधी वैरायटी विकसित करने की दिशा में काम करने के लिए दिशा-निर्देश दिए। किसानों ने सोलर पैनल को लेकर भी संवाद किया, इस दिशा में  भी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई। कृषि मंत्री ने बताया कि चावल पर निर्यात प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। दुनिया में कही भी जहां किसानों को चावल उत्पादन के अच्छे दाम मिले वहां वह उसे बेच सके इसकी व्यवस्था कर दी गई है। साथ ही न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को भी खत्म कर दिया गया है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements