उत्पादकता वृद्धि के लिए कृषि यंत्रीकरण समय की मांग : श्री पटेल
सीआईएई, भोपाल में “कृषि के लिए इंजीनियरिंग नवाचार 5.0” पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी
11 नवंबर 2025, भोपाल: उत्पादकता वृद्धि के लिए कृषि यंत्रीकरण समय की मांग :श्री पटेल – केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल द्वारा संस्थान के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय कृषि अभियंता सोसाइटी (आईएसएई) का 59वां वार्षिक अधिवेशन एवं “पूर्व और फसल पश्चात् कृषि में मेकाट्रॉनिक्स एवं रोबोटिक्स” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री लखन पटेल, राज्य मंत्री पशुपालन एवं डेयरी ने किया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में नवाचार, स्वचालन और प्रौद्योगिकी-आधारित विकास की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि किसानों की उत्पादकता एवं आय वृद्धि हेतु अभियांत्रिकी समाधानों का विस्तार समय की आवश्यकता है।
इस अवसर पर डॉ. सी. आर. मेहता, निदेशक, केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने सभी आगंतुकों का स्वागत कर संस्थान की उपलब्धियों एवं योगदानों पर प्रकाश डाला। डॉ. एस. एन. झा, अध्यक्ष, आई.एस.ए.ई एवं उप महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), आईसीएआर,ने अध्यक्षीय संबोधन में आई.एस.ए.ई की उपलब्धियों तथा कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में इसके योगदानों का उल्लेख किया।
संगोष्ठी के अंतर्गत “कृषि के लिए इंजीनियरिंग नवाचार 5.0” विषय पर एक विशेषज्ञ पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसका संचालन डॉ. एस. एन. झा ने किया। इस पैनल में डॉ. वी. एम. मायनदे (पूर्व कुलपति, पीडीकेवी, अकोला), डॉ. नवाब अली (पूर्व उप महानिदेशक, आईसीएआर), डॉ. पी. एम. चौहान (कुलपति, एसकेएनएयू, जोबनेर), डॉ. इंद्र मणि मिश्रा (कुलपति, वीएनएमकेवी, परभणी), डॉ. डी. सी. जोशी (पूर्व कुलपति, केएयू, कोटा) तथा डॉ. बंगाली बाबू (पूर्व राष्ट्रीय निदेशक, एनएआईपी, आईसीएआर, नई दिल्ली) सम्मिलित रहे। विशेषज्ञों ने कृषि 5.0 के लिए स्मार्ट यांत्रिकीकरण, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, और अभियांत्रिकी नवाचारों के माध्यम से टिकाऊ एवं उत्पादक कृषि प्रणाली विकसित करने पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अभियंता सोसाइटी की ओर से डॉ. एस. मनिवन्नन, वाइस प्रेसिडेंट (एक्टिविटी) तथा डॉ. अतुल महोद, वाइस प्रेसिडेंट (टेक्निकल) भी उपस्थित रहे।
तीन दिवसीय यह अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी मेकाट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, ड्रोन, स्वचालन, प्रसंस्करण तकनीक,सिचाई प्रबंधन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकृत उपयोग को बढ़ावा देते हुए कृषि की अवधारणा को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।यह संगोष्ठी नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, उद्योग जगत एवं किसानों के मध्य संवाद, ज्ञान-विनिमय और सहयोग का एक सशक्त मंच प्रदान करती है, जो नवाचार-आधारित कृषि विकास को नई दिशा एवं गति प्रदान करेगा।
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