एनडीडीबी और मध्यप्रदेश सरकार का समझौता, हर ब्लॉक में डेयरी प्लांट का विस्तार
09 जनवरी 2025, भोपाल: एनडीडीबी और मध्यप्रदेश सरकार का समझौता, हर ब्लॉक में डेयरी प्लांट का विस्तार – मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ सहकारिता अनुबंध पर सहमति दी है। यह अनुबंध प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने, डेयरी उत्पादन को प्रोत्साहित करने और डेयरी संरचनाओं को मजबूत बनाने के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समझौते को डेयरी क्षेत्र में बड़ा कदम बताते हुए कहा कि यह राज्य को देश का डेयरी हब बनाने में सहायक होगा।
अनुबंध के तहत क्या होंगे बड़े बदलाव?
1. ग्राम पंचायत स्तर पर सुविधाओं का विस्तार: प्रत्येक ग्राम पंचायत में दुग्ध कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में 6,000 दुग्ध समितियां हैं, जिन्हें बढ़ाकर 9,000 किया जाएगा। इससे लगभग 18,000 गांवों को कवर किया जाएगा।
2. दूध उत्पादन और खरीद में वृद्धि: दुग्ध संकलन को 10.50 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम प्रतिदिन किया जाएगा। दुग्ध उत्पादक संस्थाओं (एमपीओ) के माध्यम से कवर किए जाने वाले गांवों की संख्या 1,390 से बढ़ाकर 2,590 होगी। दूध की खरीद 1.3 लाख किलोग्राम से बढ़कर 3.7 लाख किलोग्राम प्रतिदिन हो जाएगी।
3. डेयरी प्लांट्स और चिलिंग सेंटर का विस्तार: दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता को 18 लाख किलोग्राम प्रतिदिन से बढ़ाकर 30 लाख किलोग्राम प्रतिदिन किया जाएगा।
हर जिले में सांची डेयरी के साथ मिल्क कूलर, मिनी डेयरी प्लांट और चिलिंग सेंटर की संख्या बढ़ाने के लिए 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
सांची ब्रांड को मिलेगा राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा
एनडीडीबी सांची ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में सहयोग करेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि सांची ब्रांड के नाम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
- प्रबंधन और प्रचार: एनडीडीबी बिना किसी परामर्श या प्रबंधन शुल्क के सांची ब्रांड को सशक्त बनाने में मदद करेगा।
- विशेषज्ञता का उपयोग: तकनीकी और प्रबंधन विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।
श्वेत क्रांति मिशन के अंतर्गत राज्य सरकार 2,500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। यह निवेश दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, दुधारू पशुओं की देखभाल और ग्रामीण आजीविका में सुधार के लिए किया जाएगा।
गौ-वंश रक्षा वर्ष के तहत हर ब्लॉक में एक गांव को “वृंदावन गांव” के रूप में विकसित किया जाएगा और दुधारू पशुओं पर अनुदान और दुग्ध उत्पादन पर बोनस देने की योजना भी लागू होगी।
डेयरी किसानों की समस्याओं का समाधान
दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए शिकायत निवारण प्रणाली विकसित की जाएगी। साथ ही, कार्यरत अमले के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
सरकार का लक्ष्य है कि दुग्ध उत्पादकों की आय 1,700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,500 करोड़ रुपये तक की जाए।
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