IGKV रायपुर और ICAR रांची के बीच समझौता, क्षेत्रीय कृषि नवाचार को मिलेगी गति
06 अगस्त 2025, भोपाल: IGKV रायपुर और ICAR रांची के बीच समझौता, क्षेत्रीय कृषि नवाचार को मिलेगी गति – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर), रांची अब जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और फसल सुधार के लिए मिलकर कार्य करेंगे। इस संबंध में आज रायपुर में कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, रांची के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू मेटाबोलोमिक्स, जिनोमिक्स, जिनोम एडिटिंग और सूक्ष्मजीव अनुवांशिकी के क्षेत्रों में विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों के आपसी आदान-प्रदान, प्रशिक्षण तथा अनुसंधान परियोजनाओं में साझेदारी के लिए किया गया है।
इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों के विद्यार्थी, वैज्ञानिक और प्राध्यापक एक-दूसरे के संस्थानों में जाकर अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों में मिलकर काम करेंगे। यह अनुबंध समारोह इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
वैज्ञानिक सहयोग से खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने का प्रयास
अनुबंध समारोह को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि उन्नत आणविक उपकरणों और क्षेत्रीय कृषि विशेषज्ञता के बीच सेतु निर्माण की आवश्यकता है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यह एमओयू केवल एक समझौता नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत साझेदारी की शुरुआत है, जो विज्ञान और समाज सेवा को एक साथ लाती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सहयोग छात्रों को सशक्त बनाएगा, किसानों को लाभ पहुंचाएगा और कृषि नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाएगा।
भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची के निदेशक डॉ. सुजय रक्षित ने इस साझेदारी के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत किया, जिसमें नवाचार, संसाधनों की साझेदारी और संयुक्त क्षमता निर्माण पर विशेष बल दिया गया। एमओयू पर दोनों संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों द्वारा औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर उसका आदान-प्रदान किया गया।
साझेदारी से अनुसंधान और शैक्षणिक समन्वय को मिलेगा बढ़ावा
आणविक जीव विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जेनू झा ने अतिथियों का स्वागत किया और समझौते की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। डॉ. एस.बी. वेरूलकर ने दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग की संभावनाओं को सामने रखा।
संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक त्रिपाठी तथा भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीएआर) रांची की ओर से डॉ. वी.पी. भदाना और डॉ. के.के. कृष्णानी ने इस साझेदारी से मिलने वाले रणनीतिक अनुसंधान और शैक्षणिक समन्वय पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक और प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
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