गेहूं कृषकों को सलाह: देर से बोए गेहूं में आखिरी सिंचाई करें
19 मार्च 2023, इंदौर । गेहूं कृषकों को सलाह: देर से बोए गेहूं में आखिरी सिंचाई करें – भाकृअप – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ,क्षेत्रीय केंद्र , इंदौर द्वारा कृषकों को माह मार्च के लिए निम्नांकित सलाह दी गई है –
देर से बुवाई वाली किस्मों में अवस्था अनुसार अंतिम सिंचाई करें। यदि फसल में सुनहरापन आ रहा हो तो सिंचाई बंद कर दें , इससे दाने की चमक कम हो सकती है या दाने पोटियां या धब्बे वाले हो सकते हैं। उच्च गुणवत्ता हेतु बीज की फसल में रोगिंग करें। फसल गहाई, भण्डारण तथा विपणन हेतु आवश्यक अग्रिम व्यवस्था करें। फसल के आस-पास आग न जलाएं तथा बीड़ी -सिगरेट न जलाएं।
अपने खेतों पर लगे ट्रांसफार्मर के आसपास 10 बाय 10 फीट तक सफाई व्यवस्था कर दें, ताकि किसी भी भी प्रकार से बिजली का फाल्ट होने पर आपकी पकी हुई फसल को नुकसान नहीं हो। फसल पकते ही कटाई यथा शीघ्र करें, ताकि दाने न बिखरें तथा संभावित आंधी तूफान या ओला वृष्टि से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। बीज की फसल की कटाई , गहाई तथा भण्डारण सावधानीपूर्वक करें, जिससे इसे शुद्ध रखा जा सके।
किसान भाई ,अपने खेतों में फसलों के अवशेष जैसे गेहूं के डंठल आदि न जलाएं। इससे भूमि में विद्यमान जीवाणु , केंचुए और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। मिल मालिकों, बड़े व्यापारियों तथा प्रसंकरण इकाइयों के साथ अनुबंध खेती करने पर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं का उचित मूल्य प्राप्त हो सकता है।
वैज्ञानिक मंडल : डॉ. के. सी. शर्मा, सस्य विज्ञान, डॉ. ए. के. सिंह, कृषि प्रसार , डॉ. डी. के. वर्मा , पादप प्रजनन, डॉ. जे. बी. सिंह , पादप प्रजनन, डॉ. प्रकाश टी एल, पादप रोग विज्ञान, डॉ. राहुल गजघाटे, पादप प्रजनन तथा डॉ. उपेंद्र सिंह, सस्य विज्ञान
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