सरसों फसल में पाले से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
18 दिसंबर 2024, रतलाम: सरसों फसल में पाले से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय – शीतलहर और पाले से सर्दी के मौसम में रबी की सभी फसलों को नुकसान होता है। इसमें रबी के सबसे प्रमुख फसल गेहूं, चना के अलावा तिलहन और सरसों की फसलों को 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। वर्तमान में रतलाम जिले में 95 प्रतिशत रबी की फसलों की बोनी हो चुकी है। सभी फसलें अच्छी स्थिति में लहलहा रही है। सरसों की फसल में फूल और फलियां बनना शुरू हो गया है। वर्तमान में वातावरण में ठंडी हवाएं चल रही है। ऐसे में सरसो फसल को शीतलहर और पाले से बचाना आवश्यक है।
श्रीमती नीलम सिंह चौहान, उप संचालक, (कृषि ) जिला रतलाम ने बताया कि, देश के कई हिस्सों में ठण्ड का सितम बढ़ता जा रहा है। किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार के लिये काफी मेहनत करते हैं । इसके लिये वह सिंचाई के साथ-साथ, फसलों में समय पर खाद भी देते हैं , लेकिन किसानों को कई समस्याओ का सामना भी करना पड़ता है। इसलिये फसलों में कीट लगने के साथ ही दिसंबर से फरवरी महीने तक ठण्ड के प्रकोप से फसलों पर पाले का खतरा भी रहता है। दरअसल सरसों की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन पाला माना जाता है। अब धीरे-धीरे शीतलहर का दौर जारी हो गया है, क्योंकि पहाड़ी इलाकों में ठण्ड तेजी से बढ़ने लगी है। जो सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिये मुसीबत का सबब बन सकती है।
सरसो फसल को पाले से बचाने के उपाय -पाले से सरसों की फसल को बचाने के लिये सल्फर युक्त रसायनों का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। डाइमिथाइल सफ्लो ऑक्साईड का 0.2 फीसदी या 0.1 फीसदी थायोयूरिया का छिडकाव करें। वही यह छिड़काव 15 दिनों के अंदर पर फिर दोहरायें। इसके अलावा जब शीतलहर चलने लगे तब फसल में हल्की सिंचाई करें इससे फसल नष्ट होने से बच जायेगी।
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