सीधी जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता, किसानों से नैनो यूरिया अपनाने की अपील
14 अगस्त 2025, भोपाल: सीधी जिले में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता, किसानों से नैनो यूरिया अपनाने की अपील – उपसंचालक कृषि राजेश सिंह चौहान ने जानकारी दी है कि सीधी जिले में यूरिया खाद की लगातार आपूर्ति की जा रही है। किसानों को समय पर यूरिया मिल सके, इसके लिए सिंगरौली (बैढ़न) रैक प्वाइंट से सीधे डबललांक, हड़बड़ो और अन्य समितियों को यूरिया भेजा जा रहा है।
डबललांक में 250 मीट्रिक टन, हड़बड़ो में 250 मीट्रिक टन और अन्य समितियों में 165 मीट्रिक टन यूरिया भेजा गया है। डबललांक से किसान नगद भुगतान पर सीधे यूरिया प्राप्त कर रहे हैं। इसके साथ ही प्राइवेट दुकानदारों को भी 80 मीट्रिक टन यूरिया दिया गया है, जिससे किसान वहां से भी यूरिया ले सकते हैं।
जल्द ही रीवा से और यूरिया मिलेगा
अधिकारियों ने बताया कि अगले 1-2 दिनों में रीवा से एक और यूरिया रैक डबललांक पहुंचेगी, जिससे चुरहट और अमिलिया क्षेत्रों में लगभग 400 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि बाजार में यूरिया की कोई कमी नहीं है, इसलिए जरूरत के हिसाब से ही खरीदारी करें, अफवाहों से बचें।
खरीफ में धान की रोपाई अंतिम चरण में, नैनो यूरिया पर ज़ोर
खरीफ 2025 की बोनी जिले में लगभग 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है और धान मुख्य फसल होने के कारण उसकी रोपाई भी 90% से अधिक हो चुकी है। इस समय धान को नाइट्रोजन युक्त उर्वरक की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति यूरिया या नैनो यूरिया से की जा सकती है। उपसंचालक कृषि ने किसानों से विशेष अपील की है कि वे परंपरागत यूरिया की जगह नैनो यूरिया का प्रयोग करें। नैनो यूरिया कम मात्रा में अधिक असरदार होता है, फसल को बेहतर पोषण देता है और लागत भी कम करता है।
नैनो यूरिया: कम मात्रा, ज्यादा फायदा
नैनो यूरिया की 500 मि.ली. की बोतल ₹225 में आती है, जो एक एकड़ फसल के लिए पर्याप्त होती है। इसे 5 मि.ली./लीटर पानी में मिलाकर, यानी 70 मि.ली. प्रति स्प्रे टंकी, फसलों की पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है। इसके छिड़काव से यूरिया की तुलना में पौधों को ज्यादा पोषण मिलता है, क्योंकि परंपरागत यूरिया का 60% हिस्सा पानी में बह जाता है। नैनो यूरिया सीधे पत्तियों द्वारा सोख लिया जाता है और फसल पर बेहतर असर दिखाता है।
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