राज्य कृषि समाचार (State News)

राजस्थान में वनाधिकार पट्टों पर सोलर पंप लगाने की कार्रवाई आगामी 2-3 महिनों में : श्री कटारिया

20 मार्च 2023, जयपुर ।  राजस्थान में वनाधिकार पट्टों पर सोलर पंप लगाने की कार्रवाई आगामी 2-3 महिनों में : श्री कटारिया –  कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में आश्वस्त किया कि राजस्व गांवों में वनाधिकार पट्टों पर सोलर पंप लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर आगामी 2-3 महिनों में यह कार्रवाई पूर्ण कर ली जाएगी। श्री कटारिया प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्यों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वन अधिकार पत्र केवल आवासीय एवं कृषि कार्य हेतु जारी किए गए। उन्होंने कहा कि अभयारण्य क्षेत्र में गैर वानिकी कार्य कराने से पूर्व वन संरक्षण अधिनियम 1980 अथवा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (2) के तहत स्वीकृति लिया जाना आवश्यक है।

कृषि मंत्री ने बताया कि सोलर पंप लगाने का कार्य अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत आता है तथा इसी अधिनियम के तहत विभाग द्वारा 1 मार्च 2023 से 30 जून 2023 तक अभियान चलाकर सामुदायिक वन अधिकार प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा है। इससे पहले कृषि मंत्री ने विधायक श्री रामलाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि प्रतापगढ़ जिले के वन क्षेत्र में स्थित पाल व ग्राम पंचायत मांडकला व देवपुरा के राजस्व ग्राम जाम्बूवेला में वनाधिकार हक पट्टे पर खुदे कुओं पर सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापना के लिए भू-स्वामित्व के दस्तावेज कृषि परियोजनार्थ जारी पट्टे के साथ आवेदन किये जाने पर 52 किसानों की उद्यान विभाग प्रतापगढ़ द्वारा सोलर पम्प संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी, लेकिन वन विभाग द्वारा आपत्ति दर्ज कराये जाने के कारण स्थापित नहीं कराये गये।

श्री कटारिया ने कहा कि यह सही है कि क्षेत्रीय वन अधिकारी, वन्य जीव जाखम के पत्र 16 सितम्बर 2022 द्वारा ग्राम पंचायत पाल, मांडकला, देवपुरा व ग्यासपुर में वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लिये जाने के पश्चात ही सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापित कराये जाने के निर्देश दिये गये।

उन्होंने पत्र की प्रति सदन के पटल पर रखी

कृषि मंत्री ने बताया कि पाल व ग्राम पंचायत मांडकला व देवपुरा के राजस्व ग्राम जाम्बूवेला वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में स्थित है। उन्होंने बताया कि अभयारण्य क्षेत्र में गैर वानिकी कार्य कराने से पूर्व वन संरक्षण अधिनियम 1980 अथवा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (2) के तहत स्वीकृति लिया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के कृषकों द्वारा आवेदन के साथ वन विभाग से अधिकार पत्र (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेकर आवेदन करने पर योजना का लाभ दिया जा सकता है।

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