ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के मांगपत्र पर कार्रवाई शुरू
07 अगस्त 2024, इंदौर: ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के मांगपत्र पर कार्रवाई शुरू – देशभर में लोडिंग- अनलोडिंग की बढ़ती कीमतों और उर्वरकों की बिक्री का मार्जिन बढ़ाने के मुद्दे को लेकर गत दिनों ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनमोहन कलंत्री के आह्वान पर देश के विभिन्न राज्यों के जिला इकाई संगठन ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, नई दिल्ली को बड़ी संख्या में मांग पत्र भेजे थे, जिसके संबंधित मंत्रालय द्वारा देश के सभी उर्वरक निर्माताओं के सीएमडी /एमडी को पत्र लिखकर पत्र में उल्लेखित विभिन्न बिंदुओं पर 7 अगस्त तक अपना स्पष्टीकरण और जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन ने कम मार्जिन सहित अन्य समस्याओं को लेकर केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय को देशभर के 250 जिलों के जिलाध्यक्षों ने पत्र भेजकर समस्या समाधान की मांग की थी। ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन की देश के विभिन्न राज्यों की जिला इकाइयों ने एक जैसे मजमून में अपनी मांग और समस्याओं का उल्लेख कर लिखा था, कि देश में 4 लाख कृषि आदान व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर कई बार ज्ञापन देकर ध्यानाकर्षित कराया गया , लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। मुख्य मांगों में केंद्र सरकार द्वारा उर्वरकों, डीएपी एवं एमओपी का डीलर मार्जिन 20 -22 रु प्रति बैग तय किया गया है, उसमें से 10 रु प्रति बैग लोडिंग /अनलोडिंग पर खर्च हो जाता है। यह मार्जिन बहुत कम है। इसे रिटेलर के न्यूनतम 6 % और होलसेलर के लिए 2 % तय किया जाना चाहिए। इसी तरह यूरिया का कुल डीलर मार्जिन 15. 88 रु तय किया गया है उसमे से भी 10 रु प्रति बैग लोडिंग /अनलोडिंग में चला जाता है। इसे रिटेलर और होलसेलर के लिए अलग से तय नहीं किया गया है। अतः इसे रिटेलर के लिए 23 रु और होलसेलर के लिए 7 रु प्रति बैग तय किया जाना चाहिए। एसोसिएशन ने देश की अनेक कंपनियों द्वारा रिटेलर तक यूरिया को एफओआर के माध्यम से नहीं पहुंचाते हुए एक्स रेल पॉइंट दिया जाता है, जबकि नियमानुसार यूरिया एवं कॉम्प्लेक्स उर्वरक अंतिम डीलर तक एफओआर पहुंचना चाहिए। ऐसे में विक्रेताओं को 50 किलो के एक बैग पर 40 रु प्रति बैग परिवहन व्यय अलग से लग जाता है। इस बारे में सभी कंपनियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जाने चाहिए। यही नहीं सभी उर्वरक कंपनियों द्वारा यूरिया एवं डीएपी के साथ विभिन्न प्रकार के अन्य उत्पाद टैगिंग करके जबरन दिए जाते हैं, जो व्यापारियों के गोदाम में ही रह जाते हैं और उनका नुकसान होता है। इस जबरन टैगिंग प्रथा को तत्काल बंद किया जाए। इन सभी मुद्दों पर एसोसिएशन के साथ अधिकारियों एवं कम्पनी प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करने की भी मांग की गई।
ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर्स एसोसिएशन द्वारा पत्र के माध्यम से उठाए गए इन मुद्दों पर केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने गत 2 अगस्त को मंत्रालय के उर्वरक विभाग के अवर सचिव ने सीएमडी/ एमडी सहित सभी यूरिया और पी एंड के निर्माता/ आयातक को पत्र लिखकर संगठन की मांग पर 7 अगस्त तक जवाब मांगा है।
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