विदिशा जिले में सेवफल की खेती की दिशा में एक नई शुरुआत
20 दिसंबर 2025, विदिशा: विदिशा जिले में सेवफल की खेती की दिशा में एक नई शुरुआत – विदिशा विकास खंड का ग्राम सुनपुरा आमतौर पर उदयगिरि की ऐतिहासिक गुफाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन अब यह गांव एक और पहचान बना रहा है। प्रगतिशील कृषक श्री थान सिंह यादव की नवाचारी कृषि पहल के कारण। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खाद उत्पादन के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषक थान सिंह यादव ने अब जिले में सेवफल (एप्पल) की खेती की दिशा में एक नई शुरुआत की है।
श्री थान सिंह यादव ने बताया कि सेवफल की उन्नत किस्में हरिमन-99 एवं अन्ना डोरसेट के कुल 30 पौधे राजस्थान के अलवर जिले की प्रसिद्ध जयहिंद नर्सरी से कोरियर के माध्यम से मंगवाए। लगभग साढ़े तीन फीट ऊंचाई वाले इन पौधों को वैज्ञानिक पद्धति से रोपित किया गया, जिनमें अब सफलतापूर्वक फूल आना शुरू हो गया है। यह उपलब्धि क्षेत्रीय किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन रही है। श्री यादव का कहना है कि सेवफल की ये किस्में उच्च तापमान, यहां तक कि लगभग 50 डिग्री सेल्सियस तक सहन करने की क्षमता रखती हैं और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में भी फलन संभव है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सेवफल की खेती अब केवल ठंडे क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी संभावनाओं के नए द्वार खुल रहे हैं।
श्री यादव इससे पूर्व भी राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर उन्हें मॉडल के रूप में विकसित कर चुके हैं, जिन्हें वे अन्य किसानों के लिए प्रदर्शन इकाई के रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनके खेत नवाचार, जैविक खेती एवं समन्वित कृषि प्रणाली का जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने दिल्ली, राजस्थान एवं हरियाणा में आयोजित विभिन्न किसान सम्मेलनों में प्रदेश एवं जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए कृषि, उद्यानिकी एवं जैविक खाद के क्षेत्र में किए गए अपने प्रयोगों और नवाचारों को साझा किया है। उनकी प्रस्तुतियों से न केवल किसान बल्कि कृषि वैज्ञानिक भी प्रभावित हुए हैं। सेवफल की खेती की यह पहल न केवल श्री थान सिंह यादव की दूरदर्शिता को दर्शाती है, बल्कि जिले के किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़कर नवाचार अपनाने की प्रेरणा भी देती है। यह सफलता कहानी सिद्ध करती है कि सही तकनीक, लगन और नवाचार से खेती को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सकता है।
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