मध्यप्रदेश के 6.69 लाख धान किसानों को दीपावली से पहले 337 करोड़ का बोनस
25 सितम्बर 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश के 6.69 लाख धान किसानों को दीपावली से पहले 337 करोड़ का बोनस – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के 6 लाख 69 हजार 272 धान किसानों को दीपावली से पहले बड़ी सौगात दी है। उन्होंने एक क्लिक के जरिए किसानों के बैंक खातों में कुल 337 करोड़ 12 लाख रुपए की प्रोत्साहन (बोनस) राशि ट्रांसफर की। यह राशि उन किसानों को दी गई है, जिन्होंने समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री की थी।
डॉ. यादव ने पहले ही घोषणा की थी कि धान बेचने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4 हजार रुपए, अधिकतम 10 हजार रुपए का बोनस दिया जाएगा। इस वादे को पूरा करते हुए सरकार ने यह रकम सीधे किसानों के खातों में भेजी है।
बालाघाट में 245 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले में करीब 245 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 78 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया। इसमें 39 करोड़ की लागत से सरेखा आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) और 31 करोड़ की लागत से परसवाड़ा में नवनिर्मित सांदीपनि विद्यालय भवन शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नक्सल प्रभावित गांवों के 850 युवाओं को गृह विभाग के विशेष सहयोगी दस्ते में नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। इसके साथ ही रोजगार महोत्सव के माध्यम से चयनित 3700 से अधिक युवाओं को प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए, जिनमें 1000 से ज्यादा युवतियां भी शामिल हैं जिन्हें बेंगलुरु की कंपनियों में भेजा जाएगा।
किसान और युवा हैं विकास के स्तंभ: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन केवल किसानों के लिए नहीं, बल्कि युवाओं के लिए भी नई संभावनाओं का द्वार खोलता है। उन्होंने कहा, “किसान और युवा, दोनों प्रदेश के विकास के स्तंभ हैं। किसानों की मेहनत और युवाओं की ऊर्जा से ही हम प्रदेश को आगे ले जाएंगे।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि गेहूं और सोयाबीन पर भी बोनस राशि दी जाएगी। इस मौके पर उन्हें बालाघाट जिले के प्रसिद्ध चिन्नौर चावल (GI टैग प्राप्त) और जैविक गुड़ भेंट किया गया।
नई घोषणाएं: अस्पताल, स्कूल और सोलर फेंसिंग
मुख्यमंत्री ने कटंगी क्षेत्र के लिए कई नई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि वहां एक नया सामुदायिक अस्पताल बनाया जाएगा और एक हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल में अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा कटंगी-सिवनी राजमार्ग पर नया पुल भी बनेगा।
उन्होंने किसानों की बड़ी समस्या का समाधान करते हुए घोषणा की कि पेंच नेशनल पार्क के आसपास के खेतों की फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए सोलर फेंसिंग कराई जाएगी। साथ ही, राजीव सागर सिंचाई परियोजना से नहलेसरा बांध को जोड़ने के लिए परीक्षण कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।
मुआवजा और लाड़ली बहनों के लिए सौगात
मुख्यमंत्री ने जंगली जानवरों के हमले में मारे गए 5 लोगों के परिजनों को शेष मुआवजे के रूप में 17-17 लाख रुपए देने की घोषणा की। पहले से उन्हें 8-8 लाख रुपए मिल चुके थे। कुल मुआवजा राशि 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति तय की गई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लाड़ली बहनों से किया वादा निभाया है। रक्षाबंधन पर 1500 रुपए दिए गए थे, और अब भाई दूज से हर महीने 1500 रुपए दिए जाएंगे। यह राशि धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रुपए कर दी जाएगी।
गौमाता, स्वदेशी और प्रदर्शनी में सीएम की भागीदारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत गौपालन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है, जो इन्हें परेशान करेगा, समाज में उसकी कोई जगह नहीं होगी।”
मुख्यमंत्री ने विकास प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जहां पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपने की मशीन) का भी उपयोग करके देखा। स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाई गई तुअर दाल की प्रक्रिया भी देखी और उनकी सराहना की।
धान का कटोरा बना बालाघाट, 1.5 लाख हेक्टेयर में होती है धान की खेती
कार्यक्रम में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग की संयुक्त प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। बालाघाट को “धान का कटोरा” कहा जाता है क्योंकि यहां 1.5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में धान की खेती होती है और हर साल 5 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान समर्थन मूल्य पर खरीदी जाती है।
प्रदर्शनी में ड्रोन, सुपर सीडर, नैनो यूरिया, मत्स्य पालन नवाचार, डेयरी विकास की संभावनाएं और महिला समूहों के उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में सांसद भारती पारधी, विधायक राजकुमार कर्राहे, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, मंत्री प्रदीप जायसवाल, और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। कटंगी विधायक गौरव सिंह पारधी ने मुख्यमंत्री से क्षेत्र में सिंचाई रकबा बढ़ाने, राजीव सागर-नहलेसरा बांध को जोड़ने, और जंगल-खेत के बीच सोलर फेंसिंग की मांग की।
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