राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों के काम की खबर: ऐसे करें घर बैठे फसल की ऑनलाइन गिरदावरी, तुरंत मिलेगा मुआवजा

04 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: किसानों के काम की खबर: ऐसे करें घर बैठे फसल की ऑनलाइन गिरदावरी, तुरंत मिलेगा मुआवजा – भारत में खेती किसानी से जुड़े हजारों किसान हर साल प्राकृतिक आपदाओं की वजह से अपनी फसल का नुकसान उठाते हैं। ऐसे में सरकार किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा देती है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किसान पहले अपनी फसल की गिरदावरी कराएं। अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी हो सकती है, जिससे किसान घर बैठे अपनी फसल की रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और मुआवजा पाने का दावा कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऑनलाइन गिरदावरी का पूरा तरीका।

फसल गिरदावरी क्यों जरूरी है?

फसल गिरदावरी का मतलब है अपनी खेतों में बोई गई फसलों का सरकारी रिकॉर्ड बनवाना। जब फसल किसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होती है, तब मुआवजा लेने के लिए किसानों को यह साबित करना होता है कि वे उस खेत में फसल बोए थे। इसलिए गिरदावरी करवाना अनिवार्य है। बिना गिरदावरी के मुआवजा नहीं मिलता।

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ऑनलाइन फसल गिरदावरी का तरीका (हरियाणा मॉडल)

हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ (MFMB) नाम से एक खास पोर्टल बनाया है, जहां किसान आसानी से ऑनलाइन गिरदावरी कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:

1. सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल  पर जाएं।
2. आधार नंबर और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन या लॉगिन करें। OTP के जरिए अपनी पहचान वेरिफाई करें।
3. अब अपने खेत का विवरण भरें, जिसमें जमीन के कागजात जैसे जमाबंदी/खसरा नंबर शामिल होते हैं। यदि आपने खेत किराए पर लिया है तो उसका भी विवरण दें।
4. फसल का नाम, बुवाई की तारीख, क्षेत्रफल (एकड़ या कनाल में) और बीज की किस्म की जानकारी भरें।
5. आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, जमीन के कागज, बैंक पासबुक, और यदि खेत किराए पर है तो एग्रीमेंट अपलोड करें।
6. सारी जानकारी ध्यान से भरने के बाद “Submit” पर क्लिक करें।
7. स्क्रीन पर एक Acknowledgement Slip प्राप्त होगी, इसे डाउनलोड और सुरक्षित रखें।

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ऑनलाइन गिरदावरी के बाद क्या होता है?

ऑनलाइन फसल गिरदावरी के बाद संबंधित विभाग के पटवारी या राजस्व अधिकारी आपके खेत पर जाकर फसल और जमीन की जांच करते हैं। सत्यापन के बाद किसानों को मोबाइल नंबर पर SMS के जरिए या पोर्टल पर जानकारी मिल जाती है। इसके बाद फसल नुकसान पर मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू होती है।

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ध्यान देने वाली बातें

1. फसल गिरदावरी की तारीखें राज्य सरकार द्वारा तय की जाती हैं। खरीफ और रबी सीजन के लिए ये अलग-अलग हो सकती हैं।
2. अगर आप समय पर गिरदावरी नहीं करवाते हैं तो मुआवजे के लिए दावा अस्वीकार हो सकता है।
3. ऑनलाइन गिरदावरी करना संभव न हो तो आप अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी इसे करवा सकते हैं।

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