राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

यूरिया की कीमत ₹242 बैग: जानें सब्सिडी का गणित

02 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: यूरिया की कीमत ₹242 बैग: जानें सब्सिडी का गणित – किसानों के लिए सस्ती और समय पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसके तहत, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने उर्वरकों पर दी जा रही सब्सिडी और नई नीतियों की जानकारी लोकसभा में साझा की। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने बताया कि किसानों को यूरिया और डीएपी जैसे उर्वरकों पर सब्सिडी देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।

यूरिया पर सब्सिडी

सरकार किसानों को यूरिया की आपूर्ति उत्पादन लागत पर ध्यान दिए बिना तय अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर कर रही है। 45 किलोग्राम यूरिया बैग का सब्सिडी वाला एमआरपी ₹242 तय किया गया है, जिसमें नीम कोटिंग और अन्य कर शामिल नहीं हैं। सरकार यूरिया उत्पादन की लागत और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर को सब्सिडी के रूप में यूरिया उत्पादकों और आयातकों को देती है।

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पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस)

फॉस्फेटिक और पोटाशिक (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 1 अप्रैल 2010 से एनबीएस नीति लागू की गई है। इसके तहत, नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), पोटेशियम (के) और सल्फर (एस) जैसे पोषक तत्वों की सामग्री के आधार पर सब्सिडी तय की जाती है। सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमुख उर्वरकों और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नजर रखती है और सालाना या अर्धवार्षिक आधार पर एनबीएस दरें तय करती है।

डीएपी पर विशेष पैकेज

डीएपी उर्वरक के लिए 2024-25 के दौरान किसानों को राहत देने के उद्देश्य से एक विशेष पैकेज लागू किया गया है। इसके तहत, 1 अप्रैल 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक डीएपी पर ₹3500 प्रति मीट्रिक टन की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। इस कदम पर ₹2625 करोड़ का वित्तीय बोझ आएगा, लेकिन इसका उद्देश्य किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

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डीबीटी प्रणाली

उर्वरकों की सब्सिडी सीधे किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली लागू की गई है। इस प्रणाली के तहत, खुदरा विक्रेता पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों के माध्यम से किसानों को उर्वरक बेचते हैं। आधार कार्ड, केसीसी और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से किसानों की पहचान सुनिश्चित की जाती है।

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सरकार की इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों को किफायती दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराना और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना है। डीबीटी प्रणाली के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए सब्सिडी का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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