यूरिया सब्सिडी योजना के तीन घटक: जाने पूर्ण ब्यौरा
10 अगस्त 2024, नई दिल्ली: यूरिया सब्सिडी योजना के तीन घटक: जाने पूर्ण ब्यौरा – केंद्र सरकार ने खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए यूरिया सब्सिडी योजना लागू कर दी है, जिसके तहत देश के सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की इस केंद्रीय योजना को भारत सरकार की बजट सहायता से संचालित किया जा रहा है।
यूरिया सब्सिडी योजना के तहत तीन मुख्य घटक शामिल हैं: स्वदेशी यूरिया, आयातित यूरिया, और समान माल ढुलाई सब्सिडी। स्वदेशी यूरिया सब्सिडी का उद्देश्य देश में उत्पादित यूरिया की लागत को कम करना है, जबकि आयातित यूरिया सब्सिडी के जरिए घरेलू उत्पादन और मांग के बीच के अंतर को पाटने के लिए आयातित यूरिया की लागत में मदद की जाती है। इसके साथ ही, समान माल ढुलाई सब्सिडी नीति के तहत पूरे देश में यूरिया की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए माल ढुलाई की लागत को भी कवर किया जाता है।
वर्तमान में, किसानों को यूरिया 45 किलोग्राम के बैग के लिए 242 रुपये की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें नीम कोटिंग और करों के अतिरिक्त शुल्क शामिल नहीं हैं। यूरिया की लागत और बाजार से प्राप्त होने वाली राशि के बीच के अंतर को सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा है।
जिन वर्तमान यूरिया नीतियों के माध्यम से सब्सिडी का भुगतान किया जा रहा है, वे हैं- नई मूल्य निर्धारण योजना (एनपीएस)-III, संशोधित एनपीएस-III, नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 और नई यूरिया नीति (एनयूपी) – 2015 । देश के सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है और इस प्रकार वे इस योजना के लाभार्थी हैं।
इस योजना के तहत, देशभर के सभी किसान रियायती दरों पर यूरिया प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन्हें खेती की लागत कम करने में मदद मिल रही है। यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने दी।
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