राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत की खेती पर तिहरा संकट: पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बाढ़, बारिश और फसल रोग से तबाही

06 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: भारत की खेती पर तिहरा संकट: पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बाढ़, बारिश और फसल रोग से तबाही – भारत के कृषि प्रधान राज्यों पर तिहरा संकट मंडरा रहा है। पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बाढ़, लगातार भारी बारिश और सोयाबीन में वायरस के प्रकोप से व्यापक फसलें नष्ट हो गई हैं।

खरीफ फसलों के लाखों एकड़ क्षेत्र में नुकसान हुआ है, जिससे तात्कालिक वित्तीय राहत की मांग उठी है। यह तबाही किसानों की आय पर गंभीर असर डाल रही है और देश की खाद्य सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है।

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पंजाब में 4 लाख एकड़ फसलें बाढ़ की चपेट में

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गुरमीत सिंह खुड़ियन ने केंद्र सरकार से तुरंत राहत पैकेज की मांग की है। बाढ़ से राज्य में 4 लाख एकड़ से अधिक कृषि भूमि डूब गई है। अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। धान की फसलें कटाई से कुछ ही सप्ताह पहले बर्बाद हो गईं और पशुधन का भी बड़ा नुकसान हुआ है।

खुड़ियन ने कहा, “पंजाब का योगदान देश की खाद्य सुरक्षा में अहम है। लेकिन इस बार की बाढ़ ने फसलों, ग्रामीण बुनियादी ढांचे और आजीविका को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचाया है।” उन्होंने मुआवजा राशि ₹6,800 प्रति एकड़ से बढ़ाकर ₹50,000 प्रति एकड़ करने की मांग की। साथ ही केंद्र सरकार से लंबित ₹8,000 करोड़ (ग्रामीण विकास कोष और विपणन विकास कोष) जारी करने का आग्रह किया।

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महाराष्ट्र में 14.44 लाख हेक्टेयर फसलें डूबीं

महाराष्ट्र में 15 से 20 अगस्त के बीच हुई भारी बारिश ने 29 जिलों में 14.44 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को प्रभावित किया। नांदेड़ जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 6.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र डूब गया। वाशीम, यवतमाल और धाराशिव जिलों में भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। सोयाबीन, कपास, मक्का, उड़द, तुअर, मूंग, सब्जियां, फल, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी जैसी फसलें बर्बाद हुई हैं।

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कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरने ने किसानों को आश्वस्त किया कि क्षति आकलन लगभग पूरा हो चुका है और हर प्रभावित किसान को मुआवजा मिलेगा। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री बळीराजा योजना के तहत एक बड़ी राहत की घोषणा की है। इसके अंतर्गत महाडिस्कॉम को ₹2,172 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिससे अप्रैल 2024 से मार्च 2029 तक 7.5 एचपी तक की कृषि पंपों के लिए किसानों को मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे सिंचाई लागत घटाने और फसलों की सुरक्षा में मदद मिलेगी।

मध्य प्रदेश में सोयाबीन पर यलो मोज़ेक वायरस का कहर

भारत के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में यलो मोज़ेक वायरस (YMV) का प्रकोप फैल गया है। कई गांवों में फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे उत्पादन और किसानों की आमदनी को लेकर चिंता बढ़ गई है।

जिला कलेक्टर अदिति गर्ग ने तत्काल सर्वेक्षण कराने के आदेश दिए हैं। राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीमें, स्थानीय पटवारियों के साथ, नुकसान का आकलन कर रही हैं। प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें समय पर मुआवजा और राहत मिलेगी। वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को समय पर कीटनाशक प्रयोग और समेकित प्रबंधन पद्धतियों के जरिए फसल बचाने की सलाह दी जा रही है।

रबी सीजन की तैयारी तेज

पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में खरीफ फसलों की तबाही के बाद किसान अब रबी सीजन की जल्द तैयारी करने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पर्याप्त नमी उपलब्ध है, जिससे समय पर बुवाई संभव होगी। जल्दी भूमि तैयारी और बुवाई से किसान नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करेंगे। लेकिन इसके लिए सरकारी सहायता और ठोस योजना बेहद जरूरी होगी ताकि रबी सीजन में उत्पादन प्रभावित न हो।

त्वरित राहत और नीतिगत हस्तक्षेप की मांग

तीनों राज्यों में एक साथ आए इस संकट ने भारत की कृषि व्यवस्था की जलवायु और रोगजन्य खतरों के प्रति संवेदनशीलता उजागर कर दी है। करोड़ों किसान प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकारें केंद्र से तत्काल वित्तीय राहत, मुआवजा राशि बढ़ाने और दीर्घकालिक सहायता उपायों की मांग कर रही हैं ताकि कृषि उत्पादन बहाल हो सके और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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