राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

पंजाब में डीएपी की कोई कमी नहीं

06 नवंबर 2024, नई दिल्ली: पंजाब में डीएपी की कोई कमी नहीं – हाल ही में आईं कुछ रिपोर्टों में पंजाब में डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की कमी और इसके कारण रबी फसल पर पड़ने वाले असर का दावा किया गया था। इन खबरों को केंद्र सरकार ने भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य में फॉस्फोरस और पोटैशियम (पी एंड के) खादों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और पंजाब के किसानों के लिए डीएपी, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम (एनपीके) खादों की कोई कमी नहीं है।

राज्य में खाद की उपलब्धता का वर्तमान आंकड़ा

अक्टूबर 2024 की शुरुआत में, पंजाब में 99,000 मीट्रिक टन डीएपी, 59,000 मीट्रिक टन एनपीके और 78,000 मीट्रिक टन सिंगल सुपरफॉस्फेट (एसएसपी) का स्टॉक उपलब्ध था। इसके अलावा, 29 अक्टूबर 2024 तक, राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 92,000 मीट्रिक टन डीएपी, 18,000 मीट्रिक टन एनपीके और 9,000 मीट्रिक टन एसएसपी की अतिरिक्त आपूर्ति की गई। इस प्रकार, अक्टूबर 2024 में अब तक पंजाब में 1,91,000 मीट्रिक टन डीएपी, 77,000 मीट्रिक टन एनपीके और 87,000 मीट्रिक टन एसएसपी खाद की कुल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

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रबी 2024-25 सीजन के लिए उपलब्ध खाद

अब तक के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 (29.10.2024 तक) में रबी सीजन के लिए पंजाब में 1,00,000 मीट्रिक टन डीएपी, 28,000 मीट्रिक टन एनपीके और 12,000 मीट्रिक टन एसएसपी का उपयोग हो चुका है। वर्तमान में राज्य में लगभग 90,000 मीट्रिक टन डीएपी, 49,000 मीट्रिक टन एनपीके और 76,000 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है। इसके अलावा, केंद्र सरकार के उर्वरक विभाग द्वारा नवंबर के पहले सप्ताह में 50,000 मीट्रिक टन डीएपी की अतिरिक्त आपूर्ति भेजी जा रही है।

कठिनाइयों के बावजूद खाद की स्थिर आपूर्ति

खरीफ 2024 सीजन के दौरान केंद्र सरकार ने राज्य कृषि विभाग के साथ समन्वय बनाकर खाद की उपलब्धता को स्थिर बनाए रखा है। जनवरी 2024 से चल रहे रेड सी संकट के कारण डीएपी के आयात पर असर पड़ा है, जिसकी वजह से उर्वरक जहाजों को 6,500 किमी की अतिरिक्त दूरी के साथ केप ऑफ गुड होप के जरिए यात्रा करनी पड़ रही है। इन चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने दो महत्वपूर्ण कैबिनेट फैसलों के माध्यम से डीएपी की कीमत ₹1350 प्रति 50 किलोग्राम के थैले पर स्थिर बनाए रखी है, जिससे किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध हो सके।

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घरेलू उत्पादन और निगरानी

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि डीएपी और एनपीके का घरेलू उत्पादन पूरी क्षमता से चल रहा है। विभाग राज्य की जरूरतों और आयात प्रवाह की लगातार निगरानी कर रहा है ताकि स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सके। इसके लिए रेलवे, राज्य सरकार, पोर्ट अथॉरिटी और उर्वरक कंपनियों के साथ समन्वय किया जा रहा है।

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