राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शुरू होने जा रहा है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का दूसरा चरण

13 सितम्बर 2025, नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में शुरू होने जा रहा है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का दूसरा चरण – रबी फसल के लिए देशभर में 16 दिवसीय अभियान 3 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलेगा अभियान की शुरुआत से पहले 15-16 सितंबर को दिल्ली में होगा दो दिवसीय राष्ट्रीय रबी सम्मेलन सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ राज्यों के कृषि मंत्री और वरिष्ठ कृषि अधिकारी करेंगे विचार-मंथन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर पहली बार रबी सम्मेलन दो दिन का, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक भी होंगे शामिल नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के पहले चरण की अपार सफलता के बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है।

पिछली बार खरीफ फसल के लिए अभियान शुरू हुआ था और अब रबी फसल को लेकर देशभर के कृषि वैज्ञानिक इस अभियान के जरिए गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगे, आवश्यक जानकारी देंगे, उनकी समस्याएं सुनेंगे और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘लैब टू लैंड’ मंत्र को साकार करने में भूमिका निभाएंगे। इसी क्रम में 15 सितंबर से नई दिल्ली में दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान 2025’ पूसा, नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है। रबी फसलों के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के कृषि विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, नीति-निर्धारकों एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहाँ रबी 2025-26 की बुवाई सीज़न से संबंधित तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और रणनीतियों पर गहन चर्चा होगी। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इस अवसर पर अनेक राज्यों के कृषि मंत्री, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव, आईसीएआर के महानिदेशक सहित अन्य संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर पहली बार रबी सम्मेलन दो दिन का हो रहा है जिसमें कृषि से संबंधित चुनौतियां तथा रबी मौसम की फसलों के लिए किसानों को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के विषयों पर चर्चा की जाएगी। पहले दिन केंद्र एवं राज्यों के अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। 16 सितंबर को सभी राज्यों के कृषि मंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री व राज्य मंत्री विस्तृत चर्चा करेंगे, जिसमें नवीनतम तकनीक एवं बीजों को किसानों तक किस तरह प्रभावी तरीके से पहुंचाया जाए, इसके लिए गहन चिंतन एवं समीक्षा की जाएगी। सभी राज्यों के पदाधिकारी अपनी टीम के साथ इसमें भाग लेंगे , पहली बार इसमें कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया गया है, जो क्षेत्रीय अनुभव एवं चुनौतियां को साझा करेंगे तथा आगे की रणनीति तय करेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न विषयों पर समानांतर तकनीकी सत्र आयोजित होंगे। इनमें विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी तथा खुली चर्चा के माध्यम से व्यवहारिक समाधान सामने लाए जाएंगे। विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा –

  • जलवायु सहनशीलता, मृदा स्वास्थ्य एवं संतुलित उर्वरक उपयोग – बेहतर मृदा प्रबंधन और संतुलित पोषण पर बल।
  • गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक, कीटनाशक एवं कृषि ट्रेसेबिलिटी – सटीक कृषि इनपुट और डिजिटल निगरानी।
  • बागवानी का विविधीकरण – आय संवर्धन और निर्यात क्षमता पर केंद्रित रणनीतियाँ।
  • प्रभावी प्रसार सेवाएँ एवं कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) की भूमिका – किसानों तक नवीनतम तकनीक एवं ज्ञान पहुँचाना।
  • केंद्र प्रायोजित योजनाओं का समन्वय – योजनाओं का बेहतर तालमेल और राज्यों के अनुभव साझा करना।
  • प्राकृतिक खेती – कम लागत एवं पर्यावरण अनुकूल खेती पद्धतियाँ।
  • दलहन एवं तिलहन पर विशेष बल के साथ फसलों का विविधीकरण तथा रबी फसलों के दौरान दलहन एवं तिलहन क्षेत्रफल और उत्पादन में वृद्धि हेतु रणनीतियाँ – आत्मनिर्भरता एवं पोषण सुरक्षा को बढ़ावा।
  • रबी फसलों के दौरान उर्वरक उपलब्धता की स्थिति – समय पर आपूर्ति और वितरण व्यवस्था की समीक्षा।
  • एकीकृत कृषि प्रणाली (Integrated Farming Systems) सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की सफलताओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा ताकि उन्हें अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके। साथ ही, मौसम पूर्वानुमान, उर्वरक प्रबंधन, कृषि अनुसंधान और तकनीकी हस्तक्षेप से जुड़े विषयों पर भी विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। यह सम्मेलन न केवल रबी 2025-26 सीज़न की कार्ययोजना और उत्पादन रणनीति को दिशा देगा, बल्कि यह किसानों की आय वृद्धि, टिकाऊ कृषि प्रणाली और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

केंद्र सरकार लगातार किसानों की समृद्धि के लिए कदम उठा रही है। किसान भाई-बहनों की आमदनी में इजाफा हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह प्रधानमंत्री के ‘लैब टू लैंड’ के विजन को लेकर ही खरीफ फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसमें 29 मई से 12 जून 2025 तक विभिन्न राज्यों का दौरा करते हुए उन्होंने स्वयं किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया था। पहले चरण में वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें गांव-गांव गई, जहां किसानों ने उत्साह से साथ वैज्ञानिकों से संवाद करते हुए खेती से जुड़ी आवश्यक जानकारी प्राप्त की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी अभियान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अभियान को ऐतिहासिक कदम बताया। पिछली बार की तरह ही इस बार भी देश के किसान भाई-बहन अभियान को लेकर बेहद उत्साहित और आशान्वित हैं, उम्मीद की जा रही है कि पिछली बार की तरह की इस बार भी यह अभियान सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यावहारिक उद्देश्यों को सिद्ध करते हुए बड़ी संख्या में किसानों तक पहुंच सुनिश्चित करेगा और खेती को नई दिशा देगा।

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements