ई-ग्रामस्वराज ऐप से पंचायतों में पारदर्शिता मजबूत; आरजीएसए के तहत लगभग 19.76 लाख प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
19 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: ई-ग्रामस्वराज ऐप से पंचायतों में पारदर्शिता मजबूत; आरजीएसए के तहत लगभग 19.76 लाख प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण – केंद्र सरकार ग्राम स्तर पर सुशासन को मजबूत करने के लिए ई-ग्रामस्वराज एप्लिकेशन और संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के माध्यम से पंचायतों की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बना रही है।
पंचायती राज मंत्रालय वित्त वर्ष 2022-23 से संशोधित केंद्रीय प्रायोजित योजना RGSA को लागू कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य देशभर की पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) के निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों की शासन एवं नेतृत्व क्षमता को सशक्त बनाना है। यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, जिनमें दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव भी शामिल हैं, में लागू है।
प्रशिक्षण और संस्थागत क्षमता पर विशेष जोर
संशोधित RGSA के तहत पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को बेसिक ओरिएंटेशन, रिफ्रेशर प्रशिक्षण, विषयगत एवं विशेष प्रशिक्षण तथा पंचायत विकास योजना (PDP) प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा योजना के अंतर्गत एक्सपोज़र विज़िट, प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं सामग्री का विकास तथा स्थायी प्रशिक्षण व्यवस्था के लिए संस्थागत ढांचे के निर्माण का भी प्रावधान है।
मानव संसाधन विकास के साथ-साथ योजना पंचायतों की भौतिक क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान देती है। इसके अंतर्गत सीमित स्तर पर ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण, कंप्यूटर की खरीद तथा ग्राम पंचायत भवनों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सह-स्थापना को समर्थन दिया जा रहा है।
ई-ग्रामस्वराज: पंचायतों के लिए एकीकृत डिजिटल मंच
ई-ग्रामस्वराज ऐप पंचायतों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है, जिसमें योजना निर्माण, बजट, लेखा-जोखा, कार्य प्रबंधन और निगरानी को एक ही प्रणाली से जोड़ा गया है। यह प्रणाली पंचायत स्तर पर कामकाज को सरल बनाते हुए डेटा-आधारित निर्णय प्रक्रिया को मजबूत करती है।
ऐप के माध्यम से पंचायतों द्वारा कराए जा रहे कार्यों की रीयल-टाइम निगरानी संभव हो पाती है। इसमें कार्य पहचान, जियो-टैगिंग, प्रगति रिपोर्टिंग, वित्तीय ट्रैकिंग और गतिविधि-वार रिपोर्ट जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। साथ ही ई-ग्रामस्वराज डैशबोर्ड और मोबाइल इंटरफेस के माध्यम से पंचायत से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाती है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
देशभर में लगभग 20 लाख प्रतिभागियों को प्रशिक्षण
मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025-26 के दौरान RGSA के अंतर्गत कुल 19,76,006 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया।
पंचायत अवसंरचना को भी मिला समर्थन
इसी अवधि में 6,703 ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण और 27,723 कंप्यूटरों की खरीद को स्वीकृति दी गई, जिसमें पिछले वर्षों के लंबित कार्य भी शामिल हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पंचायत भवन निर्माण को उल्लेखनीय मंजूरी मिली, जबकि छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में कंप्यूटर खरीद के प्रस्ताव अधिक रहे।
जमीनी लोकतंत्र को मिल रही मजबूती
RGSA और ई-ग्रामस्वराज के संयुक्त प्रयास केंद्र सरकार की जमीनी लोकतंत्र और डिजिटल गवर्नेंस को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। प्रशिक्षित नेतृत्व, बेहतर अवसंरचना और डिजिटल निगरानी उपकरणों के माध्यम से पंचायतों को अधिक सक्षम बनाकर ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।
यह जानकारी पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने 2 दिसंबर 2025 को लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
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