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केंद्र सरकार ने पंजाब में धान खरीद की व्यवस्था की मजबूत, किसानों को मिलेगा एमएसपी का त्वरित भुगतान

15 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पंजाब में धान खरीद की व्यवस्था की मजबूत, किसानों को मिलेगा एमएसपी का त्वरित भुगतान – पंजाब में खरीफ विपणन सीजन (KMS) 2024-25 के तहत धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर धान खरीद से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। धान खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होकर 30 नवंबर 2024 तक चलेगी।

धान की अनुमानित खरीद और भंडारण की पुख्ता तैयारी

पिछले वर्ष के KMS 2023-24 में 124.14 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद का लक्ष्य पूरा किया गया था। इस वर्ष 2024-25 के लिए 185 लाख टन धान (124 लाख टन चावल के बराबर) की खरीद का अनुमान रखा गया है, जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस बार भी खरीद पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है।

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राज्य में इस वर्ष 2200 से अधिक मंडियों में धान की खरीद जारी है। 13 अक्टूबर तक कुल 7 लाख टन धान की आवक में से लगभग 6 लाख टन की खरीद की जा चुकी है। कस्टम मिल्ड राइस (CMR) के भंडारण के लिए सरकार ने दिसंबर 2024 तक 40 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार की है। इसके तहत पुराने चावल और गेहूं के स्टॉक को पहले खाली किया जा रहा है।

किसानों को मिलेगा एमएसपी का सीधा और त्वरित भुगतान

केंद्र सरकार ने किसानों के लिए कई डिजिटल व्यवस्थाएं की हैं, जिनमें ऑनलाइन पंजीकरण, भूमि अभिलेखों का एकीकरण, और डिजिटल खरीद संचालन शामिल हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। यह भुगतान आमतौर पर 48 घंटों के भीतर पूरा करने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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आयोग दर और ओटीआर पर समीक्षा जारी

मुलाकात के दौरान धान से चावल का आउट टर्न रेशियो (OTR) और कमीशन दरों की समीक्षा पर भी चर्चा की गई। सरकार ने संकेत दिया कि कमीशन शुल्क में संशोधन पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है और इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

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आईआईटी खड़गपुर में धान के OTR और ड्रिएज पर अध्ययन चल रहा है। साथ ही, विंग्स पोर्टल (वेयरहाउस इन्वेंटरी नेटवर्क एवं गवर्निंग सिस्टम) पर डेटा को अपडेट कर दिया गया है, जिससे अब सभी हितधारक इससे आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

धान की खरीद से जुड़े परिवहन खर्च और मिल मालिकों द्वारा वहन किए जा रहे अतिरिक्त शुल्क पर भी चर्चा हुई। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

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