राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कपास पर ग्यारह प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का मामला 

मोदी सरकार के इस फैसले से अमेरिका खुश लेकिन भारतीय किसान गुस्सा

30 अगस्त 2025, नई दिल्ली: कपास पर ग्यारह प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का मामला – अमेरिकी कृषि विभाग ने नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से कपास पर ग्यारह  प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का स्वागत किया है लेकिन दूसरी ओर हमारे देश के किसान मोदी सरकार के इस फैसले से नाखुश भी है. बावजूद इसके मोदी  सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए अमेरिकी कृषि विभाग ने कहा है कि  फ्री इंपोर्ट ड्यूटी से अमेरिकी कपास की बुकिंग बढ़ने की उम्मीद है. इसके अलावा, बयान में कहा गया है कि कपास पर 11 फीसदी आयात शुल्क को हटाने  से भारत के कपड़ा उद्योग को भी राहत मिलेगी, जो अमेरिका में बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ और घरेलू फाइबर की बढ़ती लागत से जूझ रहे हैं.

Advertisement1
Advertisement

अमेरिकी कृषि विभाग के बयान में कहा गया है कि इस कदम से भारतीय कपड़ा निर्यातकों को सस्ता और बेहतर क्वालिटी वाला कच्चा माल मिल सकेगा. साथ ही बांग्लादेश, इंडोनेशिया, कंबोडिया और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को अमेरिका में बहुत कम टैरिफ दरें मिलती हैं, जिससे भारतीय निर्यातक असहज स्थिति में हैं.

बता दें कि वित्त मंत्रालय ने  एक अधिसूचना जारी कर कपास पर 11 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म कर दिया था. इसमें कॉटन पर 10 फीसदी सीमा शुल्क और इसके ऊपर 1 फीसदी का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस शामिल है. सरकार ने किसान विरोधी फैसले लेते हुए 28 अगस्त को ही कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है. इससे देश के किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि इस फैसले से उनकी नई फसलों को भी दाम नहीं मिलेगा, जिससे उनकी लागत को निकालना भी मुश्किल हो सकता है, ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान होने का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, सरकार के इस फैसले से देश के कई राज्यों में खासतौर पर महाराष्ट्र में इस फैसले का विरोध और प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही किसानों का कहना है कि खुद को किसान हितैशी कहने वाली सरकार ने ये फैसला अमेरिका के दबाव में लिया है. किसानों पक्ष में आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमेरिकी दबाव में भारतीय कपास किसानों से विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 11 प्रतिशत शुल्क की वजह से अमेरिकी कपास महंगा पड़ता था और भारतीय किसानों की कपास आसानी से बिक जाती थी. लेकिन अब इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने से अमेरिकी कपास का दबदबा बढ़ेगा और देश के किसानों को नुकसान होगा.

Advertisements
Advertisement3
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

Advertisement8
Advertisement

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement