सॉइल हेल्थ मिशन में तमिलनाडु की बड़ी उपलब्धि, 152 लाख किसानों तक पहुंचा कार्ड
06 अगस्त 2025, नई दिल्ली: सॉइल हेल्थ मिशन में तमिलनाडु की बड़ी उपलब्धि, 152 लाख किसानों तक पहुंचा कार्ड – तमिलनाडु में किसानों की मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए बड़े स्तर पर काम किया गया है। वर्ष 2015 में शुरू हुई ‘सॉइल हेल्थ एंड फर्टिलिटी स्कीम’ के तहत 30 जून 2025 तक राज्य में 152.51 लाख किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड (SHC) दिए जा चुके हैं। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने 6 अगस्त 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि छोटे और सीमांत किसानों समेत सभी किसानों को समय पर कार्ड मिलें। इसके लिए नागरिक चार्टर के अनुसार वितरण प्रणाली तैयार की गई है। किसानों को कार्ड के साथ सही सलाह देने के लिए कृषि तकनीकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA), कृषि सखी और मोबाइल सॉइल टेस्टिंग लैब (MSTL) वैन के माध्यम से जानकारी दी जाती है।
गांव-गांव जाकर दी जा रही सलाह
प्रत्येक गांव में ATMA अधिकारी अलग-अलग योजनाओं के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम करते हैं, जिसमें SHC से जुड़ी जानकारी अनिवार्य रूप से दी जाती है। MSTL वैन गांवों में जाकर मिट्टी के नमूने लेती है, उनका परीक्षण करती है और उसी समय किसानों को कार्ड व सलाह देती है।
इसके अलावा, हर ब्लॉक में बने ग्राम स्तरीय कृषि विकास समूह खरीफ और रबी सीजन से पहले किसानों को कार्ड से जुड़ी सलाह देता है। योजना के तहत किसी बड़े क्षेत्र में मिट्टी संबंधी कोई गंभीर समस्या सामने नहीं आई है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में ‘प्रॉब्लमैटिक सॉइल पॉकेट्स’ चिह्नित किए गए हैं, जिनके सुधार के लिए खास सलाह जारी की गई है।
36 लैब्स को NABL मान्यता, डिजिटल पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड
मिट्टी परीक्षण की सटीकता बढ़ाने के लिए तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) की मान्यता प्रक्रिया अपनाई है। इसके तहत 36 स्थायी लैब्स को NABL प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
साथ ही, एटॉमिक अब्जॉर्बशन स्पेक्ट्रोमीटर (AAS) और इंडक्टिवली कपल्ड प्लाज़्मा (ICP) स्पेक्ट्रोफोटोमीटर जैसी आधुनिक तकनीक से लैब्स को अपग्रेड किया गया है। सॉइल हेल्थ कार्ड डिजिटल रूप से तैयार करने के लिए सभी टेस्ट रिपोर्ट SHC पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड की जा रही हैं।
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