राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जीएम फसलों पर रोक की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

भारत में जीएम तिलहनों से निकाले गए खाद्य तेलों का भारी मात्रा में हो रहा आयात

19 जनवरी 2024, नई दिल्ली: जीएम फसलों पर रोक की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा – जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा हैं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ताओं की दलीले सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा हैं। कोर्ट ने पक्षों को 22 जनवरी तक लिखित दलीले दाखिल करने का निर्देश दिया हैं। 

केंद्र सरकार ने जीएम फसलों की खेती को खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस संजय करोल की पीठ से कहा कि जीएम फसलों की व्यावसायिक खेती पर रोक राष्ट्रीय हित के खिलाफ हैं। भारत पहले से ही घरेलू खपत के लिए तिलहनों से निकाले गए खाद्य तेल का भारी मात्रा में आयात कर रहा हैं। इसलिए जीएम फसलों से नुकसान पहुंचने की आशंकाए निराधार हैं।

Advertisement
Advertisement
एससी ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने अनुवांशिक रूप से रूपांतरित सरसों (जेनेटिकली मोडिफाइड) की खेती पर रोक की मांग वाली याचिका पर गुरूवार को सुनवाई पूरी कर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया हैं। साथ ही शार्ष अदालत ने पक्षों को 22 जनवरी तक लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया है। जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों के जीन को प्रयोगशाला में जेनेटिक इंजीनियरिंग का प्रयोग करके परिवर्तित किया जाता है।

खाद्य तेलों का भारी मात्रा में आयात

केंद्र की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि भारत में खपत होने वाला लगभग 55-60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात किया जाता हैं। कृषि क्षेत्र में उभरती चुनौतियों का सामना करने और विदेशी निर्भरता को कम कर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीएम प्रौद्योगिकी जैसी नई प्रौद्योगिकियों को मजबूत करना महत्वपूर्ण हैं।

Advertisement8
Advertisement
सालाना 2.8 लाख टन सोयाबीन तेल का किया जा रहा आयात

जनरल तुषार ने अदालत को बताया कि 2020-21 में हमारी कुल खाद्य तेल मांग का 54 प्रतिशत लगभग 1 लाख 15 हजार करोड़ रूपये के आयात के माध्यम को पूरा किया गया। लगभग 2.8 लाख टन सोयाबीन तेल का सालाना आयात किया जा रहा हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर जीएम सोयाबीन तेल शामिल हैं | अर्जेटीना, अमेरिका, ब्राजील और कनाडा जैसे अधिकांश निर्यातक देश जीएम सोयाबीन की खेती करते हैं। उन्होंने कहा, निराधार अकांक्षाओं के आधार पर ऐसी तकनीक का विरोध किसानों, उपभोक्ताओं और उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा हैं।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement