राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

थोक, खुदरा विक्रेताओं पर गेहूं की स्टॉक सीमा लगी

व्यापारियों ने की फैसले की आलोचना

05 जून 2025, नई दिल्ली: थोक, खुदरा विक्रेताओं पर गेहूं की स्टॉक सीमा लगी – केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक गेहूं के स्टॉक पर स्टॉक सीमा लागू कर दी है। आदेश के बाद व्यापारी और थोक विक्रेता तीन हजार टन तक गेहूं का स्टॉक रखते सकते हैं। वहीं, खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन है। रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और सरकारी खरीद को गिनाते हुए गेहूं प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यापारियों ने इस फैसले की आलोचना की है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी खाद्यान्न उत्पादन के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 117.5 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान है। गेहूं उत्पादन यह अनुमान पिछले फसल वर्ष की तुलना में 3.7 फीसदी अधिक है।

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खाद्य मंत्रालय के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम और राज्य सरकार की एजेंसियों ने 2025-26 रबी विपणन सत्र (अप्रैल-जून) में किसानों से 29.81 मिलियन टन गेहूं खरीदा है। गेहूं खरीद का यह आंकड़ा सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कल्याणकारी योजनाओं और दूसरी बाजार हस्तक्षेप योजनाओं जैसे खुले बाजार बिक्री योजना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। अब तक हुई गेहूं की खरीद पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी अधिक है।

पिछले महीने गेहूं की कीमतों में सालाना आधार पर 7.61 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी का कारण है कि सरकार द्वारा गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 7 फीसदी की वृद्धि कर चालू सीजन में इसे 2425 प्रति क्विंटल किया गया था। खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि एजेंसियां गेहूं पर लागू स्टॉक सीमाओं को लागू करेंगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी न पैदा हो। बड़े चेन रिटेलर प्रति दुकान 10 टन तक स्टॉक रख सकते हैं, जबकि प्रोसेसर को 2025-26 के शेष महीनों से गुणा करके अपनी मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत स्टॉक करने की अनुमति है।

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खुदरा व्यापारियों पर लगी स्टाक सीमा हटाने की मांग

व्यापारियों के महासंघ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार के फैसले पर आश्चर्य जताते हुए कहा है कि सरकार रिकॉर्ड उत्पादन का दावा कर रही है, तो फिर खुदरा व्यापारियों पर स्टॉक सीमा की क्या आवश्यकता है। महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री ने कहा कि हैरानी की बात है कि देश में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन के बावजूद केन्द्र सरकार को खरीद सीजन समाप्त होते ही गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगानी पड़ी है। साथ ही सरकार का फिलहाल गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध हटाने या 40 प्रतिशत आयात शुल्क को कम करने का कोई इरादा नहीं दिखता है। ये नीतिगत फैसले देश में बंपर गेहूं उत्पादन के दारों पर सवाल खड़े करते हैं। इस फैसले के कारण छोटे और मझौले व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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