राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

बीज विधेयक 2025: नया बीज कानून किसानों के लिए क्या बदलेगा, क्या फायदे होंगे? लोकसभा में सरकार ने दी जानकारी

18 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: बीज विधेयक 2025: नया बीज कानून किसानों के लिए क्या बदलेगा, क्या फायदे होंगे? लोकसभा में सरकार ने दी जानकारी – भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बीज विधेयक, 2025 का मसौदा तैयार किया है। इस विधेयक को किसान संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा समय-समय पर उठाए गए मुद्दों के आधार पर तैयार किया गया है।

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किसानों के पारंपरिक बीजों पर नहीं पड़ेगा असर

सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीज विधेयक, 2025 के प्रावधान किसानों और उनकी पारंपरिक बीज किस्मों पर लागू नहीं होंगे। यह विधेयक पादप किस्मों के संरक्षण एवं किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के अनुरूप किसानों को कृषि में अपने संरक्षित बीजों को उगाने, बोने, सहेजने, आदान-प्रदान करने और बेचने के अधिकारों की पूरी सुरक्षा देता है।

कानूनी सुरक्षा पहले से मौजूद

इसके अतिरिक्त, जैविक विविधता अधिनियम, 2002 और पादप किस्मों के संरक्षण एवं किसान अधिकार अधिनियम, 2001 के अंतर्गत किसानों, सामुदायिक बीज उत्पादकों, पारंपरिक और स्वदेशी बीज किस्मों की सुरक्षा के लिए पहले से ही कई प्रावधान उपलब्ध हैं।

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बीज गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर

बीज विधेयक, 2025 में किसानों को उपलब्ध कराए जाने वाले बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। ये इस प्रकार है-  

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1. बाजार में बेची जाने वाली सभी बीज किस्मों का अनिवार्य पंजीकरण
2. बीज उत्पादक, बीज प्रसंस्करण इकाई और डीलर का पंजीकरण
3. पौध नर्सरी का पंजीकरण
4. आपातकालीन स्थिति में बीज बिक्री मूल्य का विनियमन
5. बीजों के प्रदर्शन का अनिवार्य लेबलिंग
6. साथी पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण

जैसे प्रावधान शामिल हैं, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर तय मानकों के अनुसार किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराए जा सकें।

पूर्व-विधायी परामर्श चरण में विधेयक

फिलहाल, बीज विधेयक, 2025 का मसौदा पूर्व-विधायी परामर्श चरण में है। इसे किसान संगठनों और अन्य हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है, ताकि सभी की राय के आधार पर इसे और बेहतर बनाया जा सके।

लोकसभा में दी गई जानकारी

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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