राज्य कृषि समाचार (State News)

किसानों के लिए नया मौका! एफपीओ से जुड़ने पर क्या होंगे फायदे?

11 फ़रवरी 2025, भोपाल: किसानों के लिए नया मौका! एफपीओ से जुड़ने पर क्या होंगे फायदे? – मध्यप्रदेश में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ‘कृषि क्रांति 2025 एफपीओ कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया गया, जिसमें एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) की भूमिका, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती को लेकर विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञों, कृषि अधिकारियों और उद्यमियों ने एफपीओ को मजबूत करने के लिए सुझाव दिए।

एफपीओ के माध्यम से कृषि का आधुनिकीकरण

सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एफपीओ एक महत्वपूर्ण साधन हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि सहकारी संस्थाओं को और मजबूत कर किसानों को व्यवसायिक कृषि की ओर बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार हर पंचायत में सहकार सभा के आयोजन पर काम कर रही है, जिससे किसानों को एफपीओ से जोड़कर उन्हें नए अवसर दिए जा सकें। इसके अलावा, किसानों को जैविक खेती से जोड़ने पर भी जोर दिया गया, जिससे उनके उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ सके।

खाद्य प्रसंस्करण पर फोकस, किसानों की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देना किसानों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उन्होंने फसल विविधीकरण, कृषि आधारित उद्योगों और निर्यात योग्य उत्पाद तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही एक विशाल फूड प्रोसेसिंग सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें किसानों, उद्यमियों, खरीदारों और विक्रेताओं को एक मंच पर लाने की योजना है।

कॉन्क्लेव में विभिन्न विशेषज्ञों और तकनीकी प्रदाताओं ने भी एफपीओ को आत्मनिर्भर बनाने पर विचार साझा किए। इस दौरान राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा दो एफपीओ को 28.5 लाख रुपये की परियोजना स्वीकृति प्रदान की गई।

एफपीओ और कृषि स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग देने पर भी चर्चा हुई। एसबीआई के अधिकारियों और स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने बताया कि किसानों को वित्तीय मदद, कृषि यंत्रों पर अनुदान और जैविक खेती के लिए विशेष योजनाओं का लाभ मिल सकता है।

इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एफपीओ और किसानों को कृषि रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पत्र विशेष रूप से बांस से तैयार किया गया था।

एफपीओ को लेकर विशेषज्ञों के विचार

कॉन्क्लेव में विभिन्न विशेषज्ञों और संगठनों ने भाग लिया, जिनमें कृषिका नेचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक प्रतिभा तिवारी, डिक्की के अध्यक्ष डॉ. अनिल सिरवैया, सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. मोनिका जैन शामिल थे।

इस दौरान एफपीओ के माध्यम से कृषि को तकनीकी और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उपायों पर मंथन किया गया। विशेषज्ञों ने कहा कि एफपीओ मॉडल से किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने, मूल्य संवर्धन और निर्यात के अवसर बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

कृषि क्षेत्र के विकास के लिए एफपीओ की भूमिका अहम

कृषि क्षेत्र में बदलाव के लिए एफपीओ को एक महत्वपूर्ण जरिया माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही रणनीति और वित्तीय सहायता के माध्यम से किसान उत्पादन से लेकर विपणन तक के सभी स्तरों पर आत्मनिर्भर हो सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती के बढ़ते रुझान को देखते हुए, एफपीओ को मजबूत करने के लिए तकनीकी और बाजार तक पहुंच को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

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