ग्रामीण महिलायें उद्यमिता की ओर अग्रसर
G-20 थीम आधारित एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड (AIF) एवं म. प्र. फार्म गेट कार्यशाला
08 फरवरी 2023, नई दिल्ली: ग्रामीण महिलायें उद्यमिता की ओर अग्रसर – G-20 अंर्तराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंत्र है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैष्विक आर्किटेक्चर और गर्वनेंस को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता कर रहा है।
G-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ
G-20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है, – अर्जेटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेषिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ।
राज्य कृषि विस्तार एवं प्रषिक्षण संस्थान भोपाल में कृषि मंत्रालय, नई दिल्ली एवं मैनेज, हैदराबाद के समन्वय में ‘वुमन लेड एग्रीकल्चरल डेवलेपमेंट’ विषय पर म.प्र. की महिलाओं का कृषि उद्यमिता एवं एग्री स्टार्टअप में योगदान एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई, कार्यक्रम में श्री निरूपम मेहरोत्रा, सी.जी.एम. नाबार्ड भोपाल मुख्य अतिथि एवं श्री एस.आर. इंगले, संयुक्त निदेशक विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहें।
श्री मेहरोत्रा, ने बताया कि म.प्र. के ग्रामीण इलाकों में कुल महिलाओं में से एक तिहाई महिलायें (लगभग 15-29 वर्ष), महिला उद्यमिता की ओर तेजी से आगे बढ रही है। किंतु अभी भी जेण्डर असमानता की ओर अधिक कार्य करने की आवष्यकता है। उन्होंने बताया कि स्वसहायता समूह एक बार शुरू होने के पश्चात् इसमें महिलाओं हेतु स्वसहायता समूह को आगे बढाने हेतु वर्किग केपिटल की उपलब्धता तथा विपणन हेतु नियमों को ओर आसान किया जाना चाहिये।
श्री संजीव कुमार इंगले द्वारा म.प्र. की महिलाओं को स्टार्टअप वुमन इन्टरप्रेन्योरषिप में तकनीकी एवं वित्तीय सहायता हेतु राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की सलाह दी गई। उन्होंने बताया कि लघु एवं सीमांत किसान को फसलों में कीटनाषक एवं पोषक तत्वों के स्प्रे हेतु कृषि में नवाचार करने की सलाह दी गई, जिससे कम से कम समय में कम लागत में फसलों से अधिक लाभ कमाया जा सकें। आगे उन्होनें बताया कि भारत सरकार कृषि मंत्रालय द्वारा 10000 एफ.पी.ओ. गठन का लक्ष्य रखा गया हैं।
डा. शहाजी फंड, डिप्टी डायरेक्टर, मैनेज हैदराबाद ने बताया कि ए.सी. एण्ड ए.बी.सी. कार्यक्रम को सर्वप्रथम तेंलगाना राज्य में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था। इसके पश्चात् भारत के सभी राज्यों में चलाया जा रहा है। नेश नल कनवेंशन आन वुमन एग्री प्रेन्योरषिप एंड एग्री स्टार्टअपस लेड एग्रीकल्चरल डेवलेपमेंट विषय पर आयोजित कार्यषाला में बैंक नाबार्ड, बैंक ऑफ इण्डिया, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, एस.बी.आई., एम.पी.जी.बी. बैंक एवं मैनेज के मध्य एम.ओ.यू. साइन किया गया। उसके पश्चात् म.प्र. के विभिन्न जिलों से आई महिला उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानी बताई ।
पूर्ब में सर्वप्रथम श्री के.पी. अहरवाल, संचालक सियेट, द्वारा कार्यक्रम को संबोधित किया गया। श्री तरसेम सिंह जीरा, अंचल प्रमुख भोपाल, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा ए.सी.एण्ड ए.बी.सी कार्यक्रम के माध्यम से कृषि उत्पादों के वैल्यू एडीशन एवं विपणन बढाने पर जोर देने हेतुु सुझाव दिये गये।
द्वितीय सत्र में कृषि उद्यमिता एवं कृषि स्टार्टअप के लिये पैनल चर्चा श्रीमती सुमन प्रसाद, उप संचालक कृषि जिला भोपाल, श्रीमती रश्मि वर्गीस, उप संचालक कृषि संचालनालय विन्ध्याचल भवन भोपाल, श्रीमती आशालता पाठक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी संचालनालय विन्ध्याचल भवन भोपाल, श्री विनय पाटीदार, सलाहकार मैनेज हैदराबाद, डा. स्वाती शर्मा, नोडल अधिकार एन.जी.ओ. कार्ड भोपाल एवं मैनेज हैदराबाद एवं सियेट भोपाल के अधिकारियों द्वारा की गई।
तत्कालीन संचालक कृषि एवं एम.डी. फार्म बीज एवं विकास निगम श्रीमती प्रीति मैथिल नायकने कृषि महिला उद्यमियों को कृषि आदान के स्टार्टअप करने एवं कृषि उपज के मूल्य संवर्धन की जानकारी दी ।
इसके पश्चात् श्री यू.एस. जादौन, उप संचालक सियेट द्वारा उपस्थित अतिथियों एवं म.प्र. से आई महिला अतिथियों का आभार माना ।
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