Advertisement8
Advertisement
राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

PMFBY: 9 साल में 22 करोड़ से अधिक किसानों को मिला पीएम फसल बीमा लाभ, 78 करोड़ आवेदन दर्ज

05 अगस्त 2025, नई दिल्ली: PMFBY: 9 साल में 22 करोड़ से अधिक किसानों को मिला पीएम फसल बीमा लाभ, 78 करोड़ आवेदन दर्ज – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए केंद्र सरकार की सबसे बड़ी और लाभकारी योजनाओं में से एक है। भारत सरकार ने इसे 18 फरवरी 2016 को शुरू किया था और 18 फरवरी 2025 को योजना ने अपने 9 साल पूरे कर लिए हैं।

इस दौरान इस योजना के तहत अब तक कुल 78.41 करोड़ कृषि आवेदनों का बीमा किया गया है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने 1 अगस्त को राज्यसभा में लिखित उत्तर के रूप में दी।

Advertisement
Advertisement

अब तक 22.67 करोड़ किसानों को मिला मुआवजा

राज्य मंत्री ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2016 से 30 जून 2025 तक, लगभग 22.67 करोड़ किसानों को ₹1.83 लाख करोड़ का मुआवजा प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े इस योजना की व्यापक पहुंच और फसल नुकसान की भरपाई में प्रभावशाली योगदान को दर्शाते हैं।

किसानों को मिलती है प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा

यह योजना वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को सूखा, बाढ़, चक्रवात, ओलावृष्टि, अत्यधिक या असमय वर्षा, कीट और रोग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा देना है। यह योजना किसानों की आय को स्थिर रखने के साथ-साथ खेती में नवाचार और जोखिम उठाने की हिम्मत भी देती है।

Advertisement8
Advertisement

बीमा भुगतान की पारदर्शिता के लिए तकनीक का सहारा

राज्य मंत्री ठाकुर ने बताया कि इस योजना को और अधिक पारदर्शी व कुशल बनाने के लिए कई तकनीकी उपाय किए गए हैं। जैसे:

Advertisement8
Advertisement

1. राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) का निर्माण
2. किसानों की ऑनलाइन नामांकन सुविधा
3. बीमित किसानों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना
4. दावे की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर

‘डिजिक्लेम मॉड्यूल’ से तेज हुआ दावों का निपटान

दावों के प्रोसेस को तेज करने के लिए खरीफ 2022 से ‘डिजिक्लेम मॉड्यूल’ शुरू किया गया है। इसे NCIP को PFMS और बीमा कंपनियों के अकाउंटिंग सिस्टम से जोड़ा गया है ताकि सीधे व स्वचालित रूप से भुगतान किया जा सके।

राज्य सरकारों के लिए ESCROW खाता अनिवार्य

सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि राज्य सरकारें अपने हिस्से का प्रीमियम पहले से जमा करें। इसके लिए खरीफ 2025 सीजन से ESCROW खाता खोलना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे केंद्र सरकार के हिस्से का दावा किसानों को समय पर और समानुपातिक रूप से मिल सकेगा।

CCE ऐप से फसल डेटा अपलोड, मॉनिटरिंग बेहतर

फसल नुकसान के सही आंकलन के लिए सरकार ने CCE-Agriculture ऐप का उपयोग शुरू किया है, जिससे कटाई के आंकड़े सीधे NCIP पर अपलोड किए जा सकें। बीमा कंपनियों को भी CCE की निगरानी करने की अनुमति दी गई है। साथ ही राज्य भूमि रिकॉर्ड को भी पोर्टल से जोड़ा गया है।

कंपनियों को दावों में देरी पर जुर्माना

अगर बीमा कंपनी दावों के भुगतान में देरी करती है तो 12% ब्याज जुर्माना स्वत: पोर्टल पर कैल्कुलेट होता है। इससे किसानों को समय पर मुआवजा मिल सके। योजना में निजी और सार्वजनिक बीमा कंपनियों को शामिल कर किसानों को बेहतर सेवाएं और प्रतिस्पर्धी प्रीमियम दरें सुनिश्चित की गई हैं। इससे किसानों को अधिक विकल्प मिले हैं और प्रीमियम दरों में भी कमी आई है।

Advertisement8
Advertisement

आवेदनों की संख्या में भारी इजाफा

रामनाथ ठाकुर ने बताया कि किसान आवेदनों का कवरेज 2014-15 के 371 लाख से बढ़कर 2024-25 में 1510 लाख हो गया है। वहीं गैर-ऋणी किसानों के आवेदन भी 20 लाख (2014-15) से बढ़कर 522 लाख (2024-25) तक पहुंच गए हैं।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement