PKVY योजना: सरकार किसानों को प्रति हेक्टेयर दे रही ₹31,500 की मदद, जानें कौन उठा सकता है इसका लाभ
13 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: PKVY योजना: सरकार किसानों को प्रति हेक्टेयर दे रही ₹31,500 की मदद, जानें कौन उठा सकता है इसका लाभ – देश के किसानों के लिए बड़ी राहत। सरकार पीकेवीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना) के माध्यम से तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये तक की वित्तीय मदद दी जाती है, जिसमें जैविक खाद, बीज और विपणन के खर्च शामिल हैं। 2024-25 में हजारों किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया, जिससे उनकी आय और खेती की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
पीकेवीवाई योजना के तहत किसानों को 3 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। इसमें से 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में DBT के माध्यम से जाती है। योजना में जैविक उत्पादों के विपणन के लिए भी सहायता शामिल है।
राज्यवार जारी राशि और शामिल क्षेत्र
| राज्य | जारी की गई राशि (लाख रुपये में) | शामिल क्षेत्र (हेक्टेयर में) |
| तमिलनाडु | 6236.35 | 32,940 |
| कर्नाटक | 10049.36 | 49,100 |
| केरल | 6732.97 | 94,480 |
| तेलंगाना | 3576.78 | 8,100 |
हजारों किसान हुए लाभान्वित
पीकेवीवाई योजना के तहत किसानों को 3 साल की अवधि के लिए लाभ दिया जाता है। 2024-25 के दौरान, कर्नाटक में 11,630 और तमिलनाडु में 28,983 किसानों को योजना से लाभ मिला। हालांकि, केरल और तेलंगाना में 2024-25 के दौरान आवंटित धनराशि के बावजूद कोई व्यय नहीं हुआ, इसलिए किसी भी किसान को लाभ नहीं मिला।
वर्षवार आवंटन (केंद्रीय हिस्सा)
पीकेवीवाई योजना के तहत पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना को आवंटित धनराशि निम्नलिखित है:
| राज्य | 2022-23 (लाख रुपये में) | 2023-24 (लाख रुपये में) | 2024-25 (लाख रुपये में) | 2025-26 (लाख रुपये में) |
| तमिलनाडु | 704.87 | 1564 | 1620 | 1556 |
| कर्नाटक | 1045.61 | 2803 | 1950 | 1769 |
| केरल | 1712.07 | 1047 | 782.6 | 1199 |
| तेलंगाना | 30.75 | 568 | 424.6 | 1989 |
केरल में BPKP योजना होगी लागू
केरल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (BPKP) लागू की जा रही है, जो पीकेवीवाई का एक घटक है। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्र रामनाथ ठाकुर ने शुक्रवार को राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
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