राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

गणतंत्र दिवस पर पशुपालन विभाग की झांकी ने बटोरी सुर्खियां, “गौ मइया तुझे प्रणाम” गीत गूंजा

29 जनवरी 2025, नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर पशुपालन विभाग की झांकी ने बटोरी सुर्खियां, “गौ मइया तुझे प्रणाम” गीत गूंजा – 76वें गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) की झांकी ने भाग लिया। इस झांकी का विषय भारत की स्वदेशी गायों का सम्मान: सतत ग्रामीण विकास के प्रतीक” था, जो इस वर्ष की थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” के अनुरूप रखा गया। इस झांकी को दर्शकों से जबरदस्त सराहना मिली।

झांकी के अग्रभाग में एक विशाल दूध से भरा पात्र प्रदर्शित किया गया, जो भारत के दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश होने को दर्शाता है। 2023-24 में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 471 ग्राम प्रतिदिन दर्ज की गई, जो वैश्विक औसत 329 ग्राम से कहीं अधिक है। यह भारत के डेयरी क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।

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कामधेनु और पंढरपुरी भैंस बनीं आकर्षण का केंद्र

झांकी के पिछले हिस्से में एक जीवन-आकार की कामधेनु गाय स्थापित की गई, जो भारतीय समाज में स्वदेशी गायों के महत्व को दर्शाती है। इसके साथ ही पंढरपुरी भैंस को भी प्रमुखता से दिखाया गया, जो भारत के समृद्ध देशी पशुधन नस्लों की विविधता और उनकी आर्थिक-सांस्कृतिक भूमिका को रेखांकित करती है।

झांकी में ग्रामीण समुदायों, विशेष रूप से डेयरी फार्मिंग और सहकारी गतिविधियों में महिलाओं की भूमिका को भी प्रमुखता से दिखाया गया। इनकी भागीदारी से न केवल आजीविका को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी कदम बढ़ रहे हैं।

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झांकी में भारत पशुधन’ ऐपफुट एंड माउथ डिजीज (FMD) मुक्त भारत अभियान, और घी ट्रैसेबिलिटी प्रणाली जैसी डिजिटल पहलों को भी प्रदर्शित किया गया। भारत पशुधन लाइव डेटाबेस के जरिए किसानों को रीयल-टाइम लाइवस्टॉक प्रबंधन की सुविधा मिल रही है, जिससे डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और उपभोक्ता का विश्वास बढ़ाने में मदद मिल रही है।

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बायो-CNG ‘मिल्को-बाइक’ बनी चर्चा का विषय

झांकी के साथ बायो-CNG से चलने वाली मिल्को-बाइक्स भी देखने को मिलीं। ये इनोवेटिव बाइक दूध परिवहन के लिए डिजाइन की गई हैं, जिनमें मशीनें लगी होती हैं जो सीधे पशु से दूध निकालकर संग्रहण केंद्र या उपभोक्ताओं तक पहुंचाती हैं।

झांकी के दो ऑडियो-विजुअल पैनलों ने भारत की स्वदेशी गायों की विविधता और आधुनिक पशुधन प्रौद्योगिकियों को उजागर किया। वहीं, “गौ मइया तुझे प्रणाम…” गीत की गूंज ने झांकी को एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्पर्श दिया।\

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