राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

रबी सीजन के लिए नई रणनीति: ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की समीक्षा में क्या बोले शिवराज?

27 जून 2025, नई दिल्ली: रबी सीजन के लिए नई रणनीति: ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की समीक्षा में क्या बोले शिवराज? – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के पूसा कैंपस में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में रबी सीजन 2025 के लिए कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई और अभियान की 2,170 टीमों के नोडल अधिकारियों ने अपने अनुभव, सुझाव और भविष्य की रणनीतियों पर प्रस्तुति दी। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चला था, जिसमें 60,000 से अधिक गांवों में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों से सीधा संवाद किया।

अभियान का मकसद और जमीनी हकीकत

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “यह अभियान स्वतंत्र भारत की एक अद्भुत घटना है। वैज्ञानिकों ने ‘लैब टू लैंड’ के विजन को अपनाते हुए गांव-गांव पहुंचकर किसानों से संवाद किया।” उन्होंने जोर दिया कि इस अभियान का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और भारत को विश्व का ‘फूड बास्केट’ बनाना है। इसके लिए बायो-फोर्टिफाइड फसल किस्मों को बढ़ावा देना और मिट्टी की सेहत को संरक्षित करना शामिल है।

हालांकि, अभियान की सफलता को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। क्या यह वास्तव में छोटे और सीमांत किसानों तक पहुंच पाया है? क्या वैज्ञानिकों के सुझाव जमीनी स्तर पर लागू हो पाएंगे? इन सवालों के जवाब भविष्य की कार्ययोजनाओं पर निर्भर करेंगे।

रबी सीजन की तैयारी और ‘क्रॉप वॉर’ का प्रस्ताव

बैठक में रबी सीजन के लिए कार्ययोजना पर विशेष ध्यान दिया गया। चौहान ने दलहन, तिलहन, सोयाबीन, कपास और गन्ना जैसी फसलों के लिए ‘क्रॉप वॉर’ शुरू करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “फसलवार और राज्यवार योजनाएं बनाई जाएंगी, ताकि अनुसंधान और संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।” इसके अलावा, यंत्रीकरण, मृदा स्वास्थ्य, जलवायु अनुकूल खेती और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में भी काम करने की बात कही गई।

चौहान ने यह भी कहा कि समाधान जमीनी स्तर से निकलते हैं, न कि सरकारी दफ्तरों से। उन्होंने किसानों के अनुभवों को महत्व देते हुए कहा, “असली प्रयोगशाला खेत हैं, और असली वैज्ञानिक किसान हैं।”

अनुसंधान और पारदर्शिता पर जोर

अभियान के तहत अनुसंधान को प्राथमिकता देने के लिए एक सूची तैयार करने की योजना है। चौहान ने अमानक खाद और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए कड़ा कानून और विशेष टीमें बनाई जाएंगी।” साथ ही, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को मजबूत करने और वैज्ञानिकों को सप्ताह में तीन दिन खेतों में भेजने का निर्देश दिया गया।

बैठक में हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

रबी सीजन के लिए दो दिवसीय सम्मेलन की योजना भी बनाई गई है, जिसमें पहले दिन अधिकारी और दूसरे दिन कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा होगी। यह सम्मेलन रबी फसलों के लिए रोडमैप तैयार करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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