राष्ट्रीय किसान दिवस 2024: ‘अन्नदाता’ की मेहनत का राष्ट्रीय पर्व
23 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: राष्ट्रीय किसान दिवस 2024: ‘अन्नदाता’ की मेहनत का राष्ट्रीय पर्व – हर साल 23 दिसंबर को मनाए जाने वाला राष्ट्रीय किसान दिवस भारतीय किसानों के अतुलनीय योगदान को सलाम करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो किसानों के अधिकारों और ग्रामीण विकास के लिए एक अद्वितीय व्यक्तित्व थे।
भारत का कृषि क्षेत्र न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ और लाखों परिवारों की आजीविका का मुख्य आधार है।
भारतीय कृषि: आंकड़ों में मजबूती और नई चुनौतियां
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय कृषि ने 332.2 मिलियन टन के रिकॉर्ड अनाज उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया। इस क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 17.7% योगदान है, जो इसे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए अपरिहार्य बनाता है। देश की लगभग आधी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, सीमित बाजार पहुंच, और वित्तीय असुरक्षा जैसी चुनौतियां अब भी मौजूद हैं।
भारत के 328.7 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में से लगभग 54.8% कृषि योग्य भूमि है, जो इसकी विशालता और संभावनाओं का परिचायक है। लेकिन इन संभावनाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए नीति-निर्माण और योजनाओं का सही क्रियान्वयन आवश्यक है।
किसानों के लिए नई योजनाएं और पहल
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान): छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय मदद के लिए अब तक 3.46 लाख करोड़ रुपये 11 करोड़ किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
2. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई): प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान की स्थिति में 68.85 करोड़ किसानों को बीमा कवर और 1.65 लाख करोड़ रुपये के दावे वितरित किए गए हैं।
3. कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ): टिकाऊ कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 84,333 परियोजनाओं के तहत 51,448 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
4. डिजिटल कृषि मिशन: कृषि को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए 2,817 करोड़ रुपये का यह मिशन डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है।
5. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी): आसान ऋण व्यवस्था के तहत 7.75 करोड़ सक्रिय केसीसी खाते हैं।
6. ई-एनडब्ल्यूआर आधारित क्रेडिट गारंटी योजना: गोदामों में उपज गिरवी रखकर किसानों को फसल कटाई के बाद वित्तीय सहायता मिलती है। इस योजना के तहत 1,000 करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है।
7. नमो ड्रोन दीदी योजना: 1,261 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत 15,000 महिला समूहों को कृषि में ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
8. राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन: घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ाकर खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता लाने का लक्ष्य है।
9. राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन: रसायन मुक्त खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 2,481 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
10. किसान कवच: कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए बॉडीसूट का वितरण किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
11. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: अब तक 24.6 करोड़ मृदा कार्ड जारी किए गए हैं, जिससे किसानों को मृदा उर्वरता और सही उर्वरक उपयोग में मदद मिली है।
कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए 2013-14 में 21,933 करोड़ रुपये के बजट को बढ़ाकर 2024-25 में 1,22,528 करोड़ रुपये किया गया है। इसके साथ ही 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से सामूहिक खेती और बाजार पहुंच को प्रोत्साहन मिलेगा।
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