जलगांव और नाशिक में बेमौसम बारिश से 1,300 हेक्टेयर से अधिक फसलें तबाह, केला और प्याज की खेती को भारी नुकसान
16 अप्रैल 2025, नासिक: जलगांव और नाशिक में बेमौसम बारिश से 1,300 हेक्टेयर से अधिक फसलें तबाह, केला और प्याज की खेती को भारी नुकसान – महाराष्ट्र के जलगांव और नाशिक जिलों में सप्ताहांत के दौरान आई बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कृषि विभाग के अनुसार, जलगांव जिले में 1,300 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर फसलें प्रभावित हुई हैं।
बारिश का सबसे ज़्यादा असर जलगांव के रावेर, मुक्ताईनगर और बोदवड तालुकों में देखा गया, जहां प्राथमिक सर्वेक्षण में 596 हेक्टेयर की फसलों को नुकसान की पुष्टि हुई है। इनमें से अकेले 540 हेक्टेयर में लगी केले की फसल बर्बाद हो गई है। मक्का, गेहूं और ज्वार जैसी अन्य फसलें भी प्रभावित हुई हैं, लेकिन इनका सर्वेक्षण अभी जारी है।
शुक्रवार को रावेर, मुक्ताईनगर और बोदवड में बारिश हुई, जबकि शनिवार और रविवार को चोपड़ा, यावल और जलगांव तालुका में बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई, जिससे नुकसान का पूरा आकलन करने में देरी हो रही है।
जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल ने नुकसान की तात्कालिक भरपाई के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे पंचनामा की प्रक्रिया तेजी से पूरी करें और सरकार को रिपोर्ट भेजें। “रिपोर्ट तैयार होते ही हम किसानों के लिए सहायता मांगेंगे,” पाटिल ने कहा।
रावेर तालुका में 19 गांवों के 732 किसानों की 510 हेक्टेयर फसल नष्ट हुई है। मुक्ताईनगर में तीन गांवों के 117 किसानों की 55.5 हेक्टेयर फसल और बोदवड में 30 किसानों की 31 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है।
नाशिक जिले में भी रविवार को यवला और सिन्नर तालुका में बारिश और ओले गिरे। हालांकि, यहां नुकसान की तीव्रता जलगांव से कम रही। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, 14 हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है, जिसमें प्याज की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। सिन्नर में 29 किसानों की 10 हेक्टेयर प्याज की फसल खराब हुई। निफाड़ और चांदवड तालुका में भी नुकसान की खबरें हैं, लेकिन यहां सर्वे अभी बाकी है।
सरकारी रिपोर्टों के अंतिम आंकड़ों के बाद ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तब तक किसान राहत की उम्मीद में हैं।
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