महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फसल नुकसान, फिर भी खरीफ 2025 में कृषि उत्पादन ने बनाया रिकॉर्ड
19 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फसल नुकसान, फिर भी खरीफ 2025 में कृषि उत्पादन ने बनाया रिकॉर्ड – खरीफ 2025 के दौरान देश के कई हिस्सों में आई बाढ़ और अन्य हाइड्रो-मौसमीय आपदाओं ने खेती को प्रभावित किया, जिसमें महाराष्ट्र सबसे अधिक नुकसान झेलने वाला राज्य बनकर सामने आया। इसके बावजूद, देश के कुल कृषि उत्पादन ने मजबूती दिखाई और खरीफ खाद्यान्न उत्पादन ने नया रिकॉर्ड दर्ज किया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, मानसून 2025 के दौरान देशभर में 116.6 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ, जिसमें महाराष्ट्र अकेले 75.42 लाख हेक्टेयर के नुकसान के साथ शीर्ष पर रहा। इसके बाद कर्नाटक में 14.81 लाख हेक्टेयर, सिक्किम में 8.11 लाख हेक्टेयर, हरियाणा में 4.32 लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 2.22 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ।
सरकार ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति (एनपीडीएम) के तहत आपदा प्रबंधन और राहत सहायता की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। राज्य सरकारें अपने पास उपलब्ध राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से किसानों को राहत प्रदान करती हैं। यदि आपदा को “गंभीर प्रकृति” का माना जाता है, तो केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के माध्यम से अतिरिक्त वित्तीय और लॉजिस्टिक सहायता देती है, जो अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम के आकलन पर आधारित होती है।
फसल क्षति के बावजूद, खरीफ 2025-26 के प्रथम अग्रिम अनुमान देश के लिए राहत लेकर आए हैं। इनके अनुसार, खरीफ खाद्यान्न उत्पादन 1,733.30 लाख मीट्रिक टन आंका गया है, जो पिछले वर्ष के 1,694.60 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 2.28 प्रतिशत अधिक है। इसका अर्थ है कि क्षेत्रीय स्तर पर हुए नुकसान के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन पर बड़ा असर नहीं पड़ा।
किसानों को जोखिम से बचाने में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। खरीफ 2025 के दौरान 746.7 लाख किसानों ने बीमा कवरेज लिया। इस अवधि में 127.8 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकृति मिली, जिनमें से 119.9 करोड़ रुपये का भुगतान 31 अक्टूबर 2025 तक किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में सबसे अधिक दावे निपटाए गए हैं, जबकि कई अन्य राज्यों में प्रक्रिया अभी जारी है।
सरकार ने यह भी दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) राज्यों के अनुसार नहीं बल्कि पूरे देश के लिए तय किया जाता है। यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर लिया जाता है, जिसमें उत्पादन लागत, मांग-आपूर्ति की स्थिति, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतें, फसलों के बीच मूल्य संतुलन और किसानों को लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने जैसे पहलुओं को शामिल किया जाता है। वर्ष 2021-22 से 2025-26 के बीच खरीफ, रबी और वाणिज्यिक फसलों के एमएसपी में लगातार वृद्धि की गई है।
कुल मिलाकर, यह तस्वीर साफ करती है कि मौसम की मार और जलवायु जोखिम बढ़ने के बावजूद, आपदा राहत व्यवस्था, फसल बीमा और मूल्य समर्थन नीतियों ने किसानों को बड़ी आय हानि से बचाने में अहम भूमिका निभाई है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।
मानसून 2025–26 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फसल क्षति का विवरण
(27.11.2025 तक, क्षेत्र: लाख हेक्टेयर)
| क्रमांक | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | प्रभावित फसल क्षेत्र |
|---|---|---|
| 1 | आंध्र प्रदेश | 1.506 |
| 2 | अरुणाचल प्रदेश | 0.072 |
| 3 | असम | 0.410 |
| 4 | बिहार | 0.000 |
| 5 | छत्तीसगढ़ | 0.0068 |
| 6 | गोवा | 0.000 |
| 7 | गुजरात | 0.000 |
| 8 | हरियाणा | 4.320 |
| 9 | हिमाचल प्रदेश | 0.320 |
| 10 | झारखंड | 0.0017 |
| 11 | कर्नाटक | 14.810 |
| 12 | केरल | 0.000 |
| 13 | मध्य प्रदेश | 0.000 |
| 14 | महाराष्ट्र | 75.420 |
| 15 | मणिपुर | 0.039 |
| 16 | मेघालय | 0.065 |
| 17 | मिजोरम | 0.000 |
| 18 | नागालैंड | 0.0058 |
| 19 | ओडिशा | 0.290 |
| 20 | पंजाब | 1.930 |
| 21 | राजस्थान | 0.000 |
| 22 | सिक्किम | 8.110 |
| 23 | तमिलनाडु | 0.290 |
| 24 | तेलंगाना | 0.000 |
| 25 | त्रिपुरा | 0.000 |
| 26 | उत्तर प्रदेश | 2.220 |
| 27 | उत्तराखंड | 0.0073 |
| 28 | पश्चिम बंगाल | 0.000 |
| 29 | अंडमान एवं निकोबार | 0.000 |
| 30 | चंडीगढ़ | 0.000 |
| 31 | दादरा एवं नगर हवेली | 0.000 |
| 32 | दिल्ली | 0.000 |
| 33 | जम्मू एवं कश्मीर | 0.780 |
| 34 | पुडुचेरी | 0.001 |
कुल प्रभावित क्षेत्र: 116.6046 लाख हेक्टेयर
स्रोत: गृह मंत्रालय
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