महाराष्ट्र में बायोस्टिमुलेंट बिक्री पर रोक, जम्मू-कश्मीर ने स्टॉक निपटान की दी अनुमति
06 मार्च 2025, नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बायोस्टिमुलेंट बिक्री पर रोक, जम्मू-कश्मीर ने स्टॉक निपटान की दी अनुमति – महाराष्ट्र के कृषि आयुक्तालय, पुणे ने राज्य में बायोस्टिमुलेंट उत्पादों की बिक्री और उत्पादन पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है। यह आदेश 3 फरवरी 2025 को जारी आधिकारिक अधिसूचना के जरिए सभी बायोस्टिमुलेंट निर्माताओं को भेजा गया। इसमें केंद्र सरकार के स्थायी आदेश S.O.882 (E) और S.O.795 (E) का हवाला दिया गया है।
इस अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने 23 फरवरी 2021 को आदेश S.O.882 (E) के तहत बायोस्टिमुलेंट को फर्टिलाइजर (नियंत्रण) आदेश, 1985 की अनुसूची-6 में शामिल किया था। इसके बाद, बायोस्टिमुलेंट उत्पादकों और विक्रेताओं को G-2 और G-3 प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। लेकिन अब, नए आदेश S.O.795 (E) के अनुसार, ये प्रमाण पत्र केवल 22 फरवरी 2025 तक ही वैध रहेंगे।
इसी के चलते कृषि आयुक्तालय ने राज्य में बायोस्टिमुलेंट के उत्पादन और बिक्री को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। साथ ही, सभी निर्माताओं और वितरकों को अपने मौजूदा स्टॉक का पूरा ब्योरा देने के लिए कहा गया है। यह जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, ताकि आगे की बिक्री और उत्पादन को लेकर दिशा-निर्देश मिल सकें। जब तक केंद्र सरकार से कोई आधिकारिक आदेश नहीं आता, तब तक इस मामले में कोई छूट नहीं दी जाएगी।
उद्योग को चिंता, सरकार से स्पष्टता की मांग
इस फैसले से बायोस्टिमुलेंट उद्योग में अनिश्चितता बढ़ गई है। बायोलॉजिकल एग्री सॉल्यूशंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BASAI) के सीईओ विपिन सैनी ने ‘कृषक जगत’ से बातचीत में कहा,
“महाराष्ट्र ने बायोस्टिमुलेंट बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है, जबकि 27 फरवरी 2025 को जारी कश्मीर डिवीजन की अधिसूचना के मुताबिक, वहां स्टॉक को तय नियमों के अनुसार खत्म करने की अनुमति दी गई है। हमने उर्वरक नियंत्रक, संयुक्त सचिव से आग्रह किया है कि पूरे देश में बायोस्टिमुलेंट स्टॉक को उसकी शेल्फ लाइफ के भीतर बेचने की इजाजत दी जाए। हालांकि, G-3 प्रमाण पत्र वाले बायोस्टिमुलेंट का पंजीकरण बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन यह सीमित समय के लिए होगा।”
BASAI इस पूरे मामले को लेकर विभिन्न उद्योग संगठनों के साथ बातचीत कर रहा है, ताकि जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके।
जम्मू-कश्मीर का नरम रुख
महाराष्ट्र से पहले, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी बायोस्टिमुलेंट पर नियमों में बदलाव किए थे। 27 फरवरी 2025 को कश्मीर के कानून प्रवर्तन उप-निदेशक ने अधिसूचना जारी कर सभी उर्वरक निरीक्षकों को निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार के आदेश S.O.3922 (E) (12 सितंबर 2024) का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
इस आदेश के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में बायोस्टिमुलेंट के आयात, भंडारण, वितरण और बिक्री को फर्टिलाइजर (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत नियंत्रित किया गया था। कंपनियों को अपने पिछले स्टॉक का पूरा ब्योरा, जिसमें पार्टी-वार वितरण की जानकारी शामिल है, कानून प्रवर्तन निरीक्षकों को सौंपने का आदेश दिया गया। हालांकि, महाराष्ट्र की तरह बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने के बजाय, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मौजूदा स्टॉक को तय नियमों के अनुसार खत्म करने की अनुमति दी है।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की जरूरत
चूंकि केंद्र सरकार के आदेश पूरे देश में लागू होते हैं, ऐसे में अन्य राज्य भी महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर की तरह अपने-अपने तरीके से इन नियमों को लागू कर सकते हैं। इससे न केवल बायोस्टिमुलेंट निर्माताओं बल्कि किसानों पर भी असर पड़ेगा। सप्लाई चेन में रुकावट आने से कृषि क्षेत्र को नुकसान हो सकता है।
ऐसे में, अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। उद्योग जगत को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस मामले में स्पष्ट निर्देश जारी करेगी, ताकि किसानों और कंपनियों को नुकसान से बचाया जा सके।
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