राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खरीफ 2025: धान और मक्का की बढ़त, सोयाबीन और कपास में कमी

27 अगस्त 2025, नई दिल्ली: खरीफ 2025: धान और मक्का की बढ़त, सोयाबीन और कपास में कमी – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने खरीफ 2025 की बुआई के ताज़ा आँकड़े जारी किए हैं। 22 अगस्त 2025 तक देशभर में खरीफ फसलों का कुल रकबा 1073.98 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। यह पिछले वर्ष के 1038.58 लाख हेक्टेयर की तुलना में 35.40 लाख हेक्टेयर अधिक है, यानी कुल मिलाकर 3% की वृद्धि दर्ज की गई है।

धान की मजबूत स्थिति

धान खरीफ सीज़न की सबसे बड़ी फसल के रूप में एक बार फिर अपनी मज़बूत स्थिति में है। इस वर्ष धान का रकबा 420.41 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जबकि पिछले साल यह 390.80 लाख हेक्टेयर था। यानी धान की बुआई में 29.60 लाख हेक्टेयर (8%) की बढ़ोतरी हुई है।

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यह वृद्धि अच्छे मानसून वितरण और सरकारी खरीद नीतियों की वजह से संभव हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भरोसा और खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार की प्राथमिकता ने किसानों को धान की खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

मक्का में जबरदस्त उछाल, सोयाबीन पर दबाव

इस खरीफ सीज़न में सबसे बड़ी चर्चा मक्का की खेती में तेज़ बढ़त की है। मक्का का रकबा 93.34 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पिछले साल के 83.58 लाख हेक्टेयर से लगभग 9.76 लाख हेक्टेयर (12%) अधिक है।

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इसके उलट, सोयाबीन की बुआई घटी है। 2024 में सोयाबीन का रकबा 124.88 लाख हेक्टेयर था, जो इस साल घटकर 120.11 लाख हेक्टेयर रह गया। यानी इसमें लगभग 4% की कमी दर्ज की गई है।

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विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे सोयाबीन बेल्ट वाले राज्यों में किसान मक्का को प्राथमिकता दे रहे हैं। मक्का की स्थिर मांग, पशु आहार और स्टार्च उद्योग में इसके बढ़ते उपयोग तथा वर्षा की अनिश्चितता के बावजूद अच्छे उत्पादन की संभावना ने इसे सोयाबीन की तुलना में आकर्षक विकल्प बना दिया है।

कपास की खेती में गिरावट

धान और मक्का की बढ़त के बीच कपास की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है। इस साल कपास का रकबा 108.47 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले वर्ष यह 111.39 लाख हेक्टेयर था। यानी इसमें 2.92 लाख हेक्टेयर (3%) की गिरावट आई है।

गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में मानसून की अनिश्चितता, बढ़ती लागत और अन्य फसलों से बेहतर लाभ मिलने के कारण किसान कपास से दूरी बना रहे हैं। इसका असर आगे चलकर देश के वस्त्र उद्योग पर भी दिखाई दे सकता है।

अखिल भारतीय खरीफ 2025: प्रगतिशील फसल क्षेत्र बुआई रिपोर्ट

फसलसामान्य (लाख हे.)2025-26 क्षेत्र (लाख हे.)2024-25 क्षेत्र (लाख हे.)अंतर (लाख हे.)वृद्धि/कमी
धान403.09420.41390.80+29.60+8%
कुल दालें129.61112.77111.42+1.34+1%
तुअर44.7143.9844.77-0.78-2%
कुल्थी1.720.260.23+0.04+13%
उड़द32.6421.7120.31+1.39+7%
मूंग35.6933.9533.50+0.45+1%
अन्य दालें5.153.703.50+0.19+6%
मटकी9.709.179.11+0.05+1%
कुल मोटे अनाज180.71187.12175.93+11.18+6%
ज्वार15.0713.9013.98-0.08-1%
बाजरा70.6967.2066.90+0.300%
रागी11.527.997.27+0.72+10%
मक्का78.9593.3483.58+9.76+12%
अन्य छोटे मिलेट्स4.484.684.20+0.49+11%
कुल तिलहन194.63182.38187.64-5.26-3%
मूंगफली45.1045.3046.56-1.25-3%
तिल10.329.8310.46-0.63-6%
सूरजमुखी1.290.630.69-0.06-9%
सोयाबीन127.19120.11124.88-4.77-4%
रामतिल1.080.360.31+0.06+16%
अरंडी9.656.094.68+1.41+30%
अन्य तिलहन0.060.07-0.01-14%
गन्ना52.5157.3155.68+1.64+3%
जूट व मेस्ता6.605.545.72-0.19-3%
कपास129.50108.47111.39-2.92-3%
कुल योग1096.651073.981038.58+35.40+3%

(22 अगस्त 2025 तक, स्रोत: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, CWWG)

अन्य फसलों की स्थिति

दालों का कुल रकबा 112.77 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल की तुलना में हल्की 1% वृद्धि है। coarse cereals (मोटे अनाज) का क्षेत्रफल भी बढ़ा है, जिसमें मक्का की बड़ी भूमिका रही। वहीं तेलहन फसलों का कुल रकबा घटकर 182.38 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पिछले साल से 3% कमहै। गन्ने की बुआई 57.31 लाख हेक्टेयर रही, इसमें 3% वृद्धि दर्ज हुई।

खरीफ 2025 का परिदृश्य

कुल मिलाकर खरीफ 2025 में खेती का रकबा बढ़ा है, लेकिन फसलों के बीच संतुलन बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। धान और मक्का ने बढ़त हासिल की है, जबकि सोयाबीन और कपास जैसे प्रमुख नकदी फसलें दबाव में हैं।

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अगर यही रुझान जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में मक्का भारत की खरीफ फसल संरचना में बड़ा बदलाव ला सकता है।

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