राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए भी मिलेगा KCC लोन, जानें पूरी जानकारी

07 फ़रवरी 2025, नई दिल्ली: मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए भी मिलेगा KCC लोन, जानें पूरी जानकारी – किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत किसानों को मिलने वाले कर्ज की सीमा अब 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। यह बदलाव केंद्रीय बजट 2025-26 में किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और संस्थागत ऋण की पहुंच को आसान बनाना बताया गया है।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना किसानों को खेती से जुड़ी आवश्यकताओं के लिए सस्ता और सुलभ कर्ज उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत अब तक 7.75 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं और 9.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। नए बदलावों के तहत किसानों को अधिक कर्ज की सुविधा मिलेगी, जिससे वे खेती के अलावा मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी जैसे सहयोगी क्षेत्रों में भी निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा, अब 1.60 लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के मिलेगा, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को काफी राहत मिलेगी।

किसान क्रेडिट कार्ड: क्या बदला?

ब्याज दरों को लेकर भी नई व्यवस्था लागू की गई है। सरकार का कहना है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मिलने वाले 3 लाख रुपये तक के कृषि ऋण पर 7% की ब्याज दर तय की गई है। यदि किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें 3% अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी मिलेगी, जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% रह जाएगी। इस योजना में फसल कटाई के बाद भी किसानों को कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपनी उपज को सही समय पर अच्छे दामों पर बेच सकें और बाजार की अस्थिरता का सामना कर सकें।

पिछले 10 वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड ऋण पर कुल 1.44 लाख करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी दी गई है। यह सब्सिडी 2014-15 में 6,000 करोड़ रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 14,252 करोड़ रुपये हो गई। इसी अवधि में संस्थागत कृषि ऋण प्रवाह भी तीन गुना बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये से 25.48 लाख करोड़ रुपये हो गया। सरकार के अनुसार, छोटे और सीमांत किसानों तक ऋण पहुंचाने में सुधार हुआ है और 2023-24 में कृषि ऋण प्राप्त करने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों की संख्या 76% तक पहुंच गई, जो 2014-15 में 57% थी।

सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (KRP) के माध्यम से कृषि ऋण प्रणाली में पारदर्शिता लाने का दावा किया है। यह पोर्टल सितंबर 2023 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य ब्याज सब्सिडी और ऋण मंजूरी की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना था। इससे पहले, बैंकों को ब्याज सब्सिडी और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन के लिए मैन्युअल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिससे काफी देरी होती थी। नए पोर्टल के जरिए 31 दिसंबर 2024 तक 1,08,336.78 करोड़ रुपये के दावे निपटाए गए हैं और 5.9 करोड़ किसानों को इस पोर्टल से जोड़ा गया है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना को 2019 में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन तक विस्तारित किया गया था। इस विस्तार के बाद, बैंक अब बिना गारंटी के 1.60 लाख रुपये तक का कर्ज दे सकते हैं, जिससे छोटे किसान और मत्स्य पालन से जुड़े लोग लाभान्वित हो सकते हैं। अब तक 1.24 लाख केसीसी मत्स्य पालन और 44.40 लाख केसीसी पशुपालन गतिविधियों के लिए जारी किए गए हैं।

सरकार का कहना है कि कर्ज की सीमा बढ़ाने से किसानों की वित्तीय जरूरतें पूरी हो सकेंगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक लाभ इस बात पर निर्भर करेगा कि बैंक इस योजना को कितना प्रभावी तरीके से लागू करते हैं। किसानों के लिए ऋण तक आसान पहुंच और ब्याज सब्सिडी का लाभ तभी सुनिश्चित हो सकता है जब वित्तीय संस्थान बिना किसी बाधा के इस प्रक्रिया को लागू करें। इसके अलावा, किसानों के लिए ब्याज छूट और कर्ज की मंजूरी में पारदर्शिता बनाए रखना भी एक अहम मुद्दा रहेगा। किसान क्रेडिट कार्ड योजना से खेती से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

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