इंटर स्टेट बाधा मुक्त कृषि व्यापार
इंटर स्टेट बाधा मुक्त कृषि व्यापार के लिए केन्द्रीय कानून- कृषि मंत्री श्री तोमर
- किसानों का उत्पादन, व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण)अध्यादेश- 2020
- आत्मनिर्भर भारत अभियान
नई दिल्ली। कृषि उपज में अंत:राज्य एवं अंतरराज्यीय व्यापार बाधा को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की सुविधा एवं सहजता के लिए भी एक नया अध्यादेश अर्थात किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अध्यादेश, 2020 लाने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। श्री तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को कानूनी बंधनों से आजादी देना तय किया है, जिसका लाभ देश के करोड़ों किसानों को मिलेगा।
श्री तोमर ने कहा- कोविड-19 के कारण, मानव उपभोग और औद्योगिक आवश्यकता दोनों दृष्टि से मांग का दबाव तेजी से बढ़ा है। इस अवस्था में लाइसेंस व्यवस्था में सुधार जरूरी समझा गया है। इसलिए कृषि उपज के, राज्यों के भीतर एवं अंतररराज्यीय व्यापार की व्यवस्था में सुधार आवश्यक है। एक वैधानिक सरलीकृत व्यवस्था के माध्यम से लाइसेंस की बाधा को कम करते हुए इस समय मांग और आपूर्ति केन्द्रों के बीच कमियों को दूर करने की भी जरूरत है ताकि भावी खरीददारों की संख्या को बढ़ाते हुए किसानों को उनकी उपज की बिक्री बेहतर मूल्य पर करने के लिए सक्षम बनाया जा सके।
श्री तोमर ने अध्यादेश के बारे में बताया कि यह एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाएगा जहां किसान व व्यापारी को कृषि उपज की बिक्री एवं खरीद के विकल्प की छूट प्राप्त हो और प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापारिक चैनलों के माध्यम से किसानों को लाभकारी मूल्य की सुविधा प्रदान होगी। यह राज्य कृषि उपज मंडियों के बाहर बाधामुक्त अंत:राज्य और अंतरराज्यीय व्यापार व कृषि उपज के वाणिज्य को बढ़ावा देगा। इस प्रकार किसानों को अपनी उपज के लिए सुविधानुसार अधिक खरीददार मिलेंगे। यह इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए सरल फ्रेमवर्क प्रदान करेगा।यह किसानों की विपणन लागत को कम करेगा और उनकी आय को बढ़ाएगा।
लाभ:
• किसानों को कृषि उत्पाद के विक्रय की स्वतंत्रता मिलेगी।
• व्यापारी भी लाइसेंस राज से मुक्त होंगे।
• इलेक्ट्रानिक व्यापार हेतु एक सुविधाजनक ढ़ांचा मिलेगा।
• किसानों की विपणन लागत कम होगी एवं उनकी आय में वृद्धि होगी।
• किसानों को अपना उत्पाद मंडी ले जाने की बाध्यता नहीं होगी।
• सप्लाई चेन मजबूत होगी।
• कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
• एक देश एक मार्केट भावना को बढ़ावा मिलेगा।
• विभिन्न राज्यों के विभिन्न नियम-कानूनों के कारण अंतराराज्यीय कृषि उत्पादों का व्यापार में बहुत बाधाएं थी जोकि इस अध्यादेश के बाद खत्म हो जाएंगी ।