ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की पहल: पंचायती राज मंत्रालय के बड़े फैसले
30 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने की पहल: पंचायती राज मंत्रालय के बड़े फैसले – देशभर में ग्राम पंचायतों को मजबूत और कुशल बनाने की दिशा में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की 8वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के तहत मानकीकृत मानदेय, पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण और पंचायत भवनों के निर्माण से लेकर डिजिटल सुविधाओं तक कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई है। इसका उद्देश्य है कि ग्रामीण प्रशासनिक सेवाओं में सुधार हो और पंचायतों को अधिक प्रभावी तरीके से काम करने का साधन मिले।
पंचायत कर्मचारियों के लिए मानकीकृत मानदेय का फैसला
इस बैठक में पंचायत स्तर पर काम करने वाले प्रशिक्षकों, अतिथि संकायों और अन्य संसाधन व्यक्तियों के मानदेय को मानकीकृत करने का फैसला लिया गया। इससे प्रशिक्षण कार्य में गुणवत्ता और स्थिरता आएगी। बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ छोटे राज्यों जैसे सिक्किम और गोवा में भी अब एक समान मानदेय मिलेगा, जिससे प्रशिक्षकों की उपलब्धता बेहतर हो सकेगी।
दीर्घकालिक प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों का चयन
RGSA के अंतर्गत पंचायत अधिकारियों को उच्च शिक्षा के लिए दीर्घकालिक घरेलू प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत एक साल तक का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य पंचायत अधिकारियों को स्थानिक नियोजन, आपदा प्रबंधन और संसाधन जुटाने में अधिक कुशल बनाना है, ताकि वे ग्रामीण विकास के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से प्राप्त कर सकें। इसके लिए राज्यों के लिए अलग-अलग प्रायोजित उम्मीदवारों की संख्या तय की गई है, जिससे उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों के अधिकारियों को भी विशेष रूप से लाभ मिलेगा।
पंचायत भवन और डिजिटल सुविधाओं का विस्तार
देशभर में पंचायत भवनों के निर्माण और पंचायतों को डिजिटल बनाने के प्रयासों में भी बढ़ोतरी की गई है। इस योजना के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों में 3,301 पंचायत भवन बनाए जाएंगे और 22,164 कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे पंचायतें ई-गवर्नेंस को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू कर सकेंगी।
केंद्र ने राज्य और जिला स्तर पर पंचायत संसाधन केंद्रों को स्मार्ट क्लास जैसी डिजिटल सुविधाओं से लैस करने की योजना बनाई है। गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में डिजिटल उपकरणों के साथ स्मार्ट कक्षाओं का विस्तार किया जाएगा ताकि पंचायत प्रतिनिधियों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सके। इसके तहत प्रोजेक्टर, इंटरएक्टिव पैनल और ऑडियो-वीडियो सुविधाएं दी जाएंगी।
पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में पंचायतों के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी। इन क्षेत्रों में पंचायत भवनों का निर्माण और सामान्य सेवा केंद्रों की स्थापना करके स्थानीय लोगों की सुविधा को बढ़ाया जाएगा। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में 970 पंचायत भवन और 1606 सीएससी केंद्रों की स्थापना का फैसला लिया गया है।
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